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बिहार में फिर शुरू होगा जातिगत जनगणना, पटना उच्य न्यायालय ने मामले से संबंधित सभी याचिकाएं खारिज की

 

पटना उच्य न्यायालय ने राज्य में हो रही जातिगत जनगणना को लेकर दायर एक याचिका में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। लगभग 3 -4 महीने से लंबित मामले में न्यायालय ने 1 अगस्त को फ़ैसला सुनाया। गणना की वैधता को लेकर दायर सभी 6 रिट याचिका को खारिज करते हुए पटना उच्य न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मंगलवार को 101 पन्नों का फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया कि राज्य सरकार राज्य के विकाश के लिए स्वतंत्र है। इसलिए सरकार सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में रख गणना करा सकती है।

 

सरकार द्वारा दलील दी गई थी कि गणना व्यक्तिगत परिवारों की होनी है जिसके खातिर उनकी जाति की पहचान करने में आसानी होती है। जातिगत पहचान के ही आधार पर ऐसे समूह, जो पिछड़े हुए हैंउनकी गणना हो सकती है। जिससे भविष्य में उन्हे सरकारी योजना का लाभ देने में आसानी होगी।

 

इसी साल 7 जनवरी को राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया जातिगत जनगणना दो चरण में होनी थी। जिसके पहले चरण कि गिनती 21 जनवरी तक पूरी हो गई थी.। गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल को शुरू हुआ था। इसका मुख्य उदेश्य लोगों की जाति और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से जुड़ा डेटा संग्रहण करना था।

 

गणना की पूरी प्रक्रिया इस साल मई तक पूरा करने की योजना थी। लेकिन उससे पहले ही मामला कोर्ट में पहुँच गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने तब कहा था कि प्रथम दृष्टया ये जनगणना की तरह लग रहा है, जिसे कराने की शक्ति सिर्फ केंद्र सरकार के पास है इसलिए इसे सिर्फ केंद्र सरकार ही करा सकती है।

 

बिहार में हो रहे जातीय गणना से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीख।
7 जनवरी 2023- विधानसभा और विधानपरिषद मे विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल कि अनुमति से बिहार में जातीय गणना शुरू हुई।
21 अप्रैल 2023- गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यचिका दायर की गई जिसमें कहा गया की यह अनुचित है सरकार अपने लाभ के सरकारी कोष का इस्तेमाल कर रही है।
27 अप्रैल 2023- सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा।
4 मई 2023- मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गणना पर अंतरिम रोक लगा दी। जिससे राज्य में हो रही जनगणना पर रोक लग गई।
9 मई 2023- हाईकोर्ट ने मामले में जल्द सुनवाई के सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया।
11 मई 2023- राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के निर्देश पर एसएलपी दायर की
18 मई 2023- सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर राज्य सरकार को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।
7 जुलाई 2023- हाईकोर्ट में हुई सुनवाई हुई और फैसला को सुरिक्षत रख लिया।
1 अगस्त 2023- हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया औरजातीय गणना जारी रखने का आदेश दिया।

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