बस्तर से वैश्विक मंच तक
✅ भारत में मोंटेनेग्रो की काउंसिल जनरल द्वारा डॉ. राजाराम त्रिपाठी को राष्ट्रीय दिवस समारोह हेतु विशेष आमंत्रण।
✅ डॉ राजाराम त्रिपाठी ने मोंटेनेग्रो की डॉ. डर्बारी को “मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर” के भ्रमण हेतु कोंडागांव छत्तीसगढ़ आने किया निमंत्रित।
✅ भारत-मोंटेनेग्रो के बीच पर्वतीय जैविक खेती सहयोग की नई संभावनाएं उद्घाटित।
✅ माउंटेन फार्मिंग एवं क्लीन एनर्जी पर आधारित यूरोपीय मॉडल से भारत के आदिवासी क्षेत्रों को मिलेगा लाभ।
नई दिल्ली।यह गर्व का विषय है कि भारत में मोंटेनेग्रो की मानद काउंसिल जनरल डॉ. जानिस डर्बारी द्वारा डॉ. राजाराम त्रिपाठी को मोंटेनेग्रो के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित राजनयिक समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। यह गरिमामय कार्यक्रम 11 जुलाई 2025 को नई दिल्ली स्थित अशोक होटल के कन्वेंशन हॉल में संपन्न हुआ, जिसमें डॉ. त्रिपाठी ने सम्मिलित होकर भारत की जैविक एवं पारंपरिक कृषि पद्धतियों का प्रतिनिधित्व किया।
डॉ. त्रिपाठी द्वारा यह आमंत्रण न केवल उनके लिए, बल्कि ‘मां दंतेश्वरी हर्बल समूह’, समर्पित किसान साथियों एवं समूचे छत्तीसगढ़ के लिए भी एक असाधारण सम्मान का अवसर बना। कार्यक्रम के दौरान उनकी सौजन्य भेंट मोंटेनेग्रो की माननीय काउंसिल जनरल डॉ. जानिस डर्बारी से हुई, जिन्हें डॉ. त्रिपाठी ने भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय जैविक प्रमाणित ‘मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म एवं रिसर्च सेंटर’ के भ्रमण हेतु छत्तीसगढ़ के कोंडागांव आमंत्रित किया — जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार भी किया।
इस अवसर पर कृषि जागरण समूह के संस्थापक श्री एमसी डॉमिनिक, मुख्य निदेशक श्रीमती शाइनी तथा मु. का.अधिकारी ममता जैन भी उपस्थित रहे। श्री डॉमिनिक ने काउंसिल जनरल को डॉ. त्रिपाठी द्वारा हाल ही में प्राप्त “रिचेस्ट ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड” और उनके नेतृत्व में चल रहे जनजातीय समुदायों के जैविक और औषधीय खेती मिशन की जानकारी दी।
गौरतलब है कि मोंटेनेग्रो, दक्षिण-पूर्वी यूरोप का एक छोटा किंतु अत्यंत सुंदर एवं जैव विविधता-सम्पन्न देश है, जो स्वच्छ ऊर्जा, पर्वतीय कृषि तकनीकों और सतत पर्यावरणीय प्रबंधन के लिए विश्वभर में विख्यात है। यहां की माउंटेन फार्मिंग प्रणाली भारत के पर्वतीय और आदिवासी क्षेत्रों में सतत कृषि विकास के लिए अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत कर सकती है।
डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि “भारत और मोंटेनेग्रो के बीच पर्वतीय जैविक खेती, हर्बल फार्मिंग एवं जनजातीय-आधारित कृषि अनुसंधान में सहयोग की असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें नीतिगत संवाद और तकनीकी आदान-प्रदान से मूर्त रूप दिया जा सकता है।”
इस प्रकार यह राजनयिक आमंत्रण भारत की पारंपरिक कृषि विरासत, जैविक खेती के वैश्विक महत्व, और छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल राज्य के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अवसर के रूप में स्थापित हुआ है।