मलेरिया उन्मूलन पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय संभागीय कार्यशाला का शुभारंभ
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कल मलेरिया उन्मूलन पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय संभागीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। पहले दिन स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और ग्लोबल फंड्स सपोर्टेड सभी 10 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर छत्तीसगढ़ राज्य में विशेष रूप से मलेरिया के मामलों की समीक्षा की गई। रायपुर में आयोजित बैठक में संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार, श्री राजीव मांझी, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छ.ग. शासन, श्री जगदीश सोनकर, संयुक्त सचिव श्रीमती विमला नावरिया (छत्तीसगढ़ शासन) डॉ. तनु जैन निदेशक, एनसीवीबीडीसी (भारत सरकार) डॉ. रिंकू शर्मा संयुक्त संचालक, एनसीवीबीडीसी (भारत सरकार) सलाहकार एनवीबीडीसी डॉ. सी. एस. अग्रवाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रतिनिधि व छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा के वरिष्ठ क्षेत्रीय संचालक के साथ सभी 10 राज्यों के (मलेरिया) कार्यक्रम अधिकारी व उनकी टीम समीक्षा बैठक में उपस्थित रहे।
2030 तक मलेरिया उन्मूलन हेतु जो रोडमैप
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मलेरिया उन्मूलन हेतु बेहतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2030 तक मलेरिया उन्मूलन हेतु जो रोडमैप तैयार किया गया है। उक्त लक्ष्य प्राप्ति हेतु छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर प्रयासरत है। वर्ष 2015 में वार्षिक परजीवी सूचकांक 5.21 से कम होकर वर्ष 2023 में 0.98 रिपोर्ट किया गया है। राज्य सरकार के द्वारा ट्राईबल क्षेत्रों में मलेरिया एक्शन प्लान के ऊपर भी कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश में 2020 से ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान‘ का संचालन किया जा रहा है। । बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने सभी 10 राज्यों में मलेरिया की स्थिति की जानकारी के साथ ही छत्तीसगढ़ में मलेरिया अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता व मितानिनों द्वारा मलेरिया नियंत्रण की दिशा में अच्छा कार्य किया जा रहा है। मलेरिया नियंत्रण हेतु उन्होंने गुणवत्तापूर्ण माइक्रोस्कोपिक टेस्टिंग/आरडी टेस्ट बढ़ाने हेतु भी निर्देश दिए साथ ही मलेरिया के मरीजों की मृत्यु न हों इस पर भी जोर दिया। मलेरिया प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित जांच व उपचार के साथ स्क्रीनिंग बढ़ाने के भी निर्देश संबंधितों को दिए।