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बी.टेक खाद्य प्रौद्योगिकी 4 वर्षीय पाठ्यक्रम एक नया अवसर

कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में प्रवेश 

भारत के शिक्षा परिदृश्य में पिछले कुछ वर्षों में काफी बदलाव आया है। युवा विद्यार्थी आज ज्ञानोन्मुखी शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के स्थान पर रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता देने लेगे हैं। देश में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का महत्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी भी एक ऐसा पाठ्यक्रम है जिसमें रोजगार-व्यवसाय की बेहतर संभावनाएं हैं। विगत कुछ वर्षो में खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी से संबंधित उपक्रम एक बडे एवं विस्तृत रूप में सामने आये हैं। सर्वेक्षण के  अनुसार व्यस्त जिन्दगी में शहरी लोगो की जीवन शैली में प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की मांग में लगातार बढोतरी हो रही है।

https://vyapam.cgstate.gov.in/sites/default/files/2022-04/NIYAM%20bTECH.pdf

खाद्य प्रौद्योगिकी क्या है

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में परंपरागत कोर्स के अवाला कई नई तरह के कोर्स शामिल हो रहे हैं। जैसे-जैसे दुनिया आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नई सेवाएं उत्पन्न होने लगी है जिसके लिए नए कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं। उसी तरह इंजीनयिरिंग में भी एक कोर्स है फूड टेक्नोलॉजी जिसे कक्षा 12वीं के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स में छात्र बीटेक की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों को इस कोर्स में फूड और उसकी प्रोसेसिंग के विभिन्न पहुलों की जानाकारी दी जाती है।

खाद्य प्रौद्योगिकी में बीटेक 8 सेमेस्टर में

खाद्य प्रौद्योगिकी में बीटेक 4 साल का अंडर ग्रेजुएट कोर्स है, जिसे सेमेस्टर सिस्टम के माध्यम से 8 सेमेस्टर में बांटा गया है। इस कोर्स में छात्रों को फूड प्रोसेसिंग के साथ फूड प्लांट सेफ्टी, फूड एंड वेस्ट मैनेजमेंट, पैकेजिंग टेक्नोलॉजी, मशीनरी, प्रिजर्वेशन, हार्वेस्ट फिजियोलॉजी और कंप्यूटर स्किल जैसे कई विषयों की जानाकरी दी जाती है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र चाहें तो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय आदि में नौकरी कर सकते हैं।

AICITSS परीक्षा

अधिकांश समय कृषकों को हानि की संभावना होती

खाद्य प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रसंस्करण की तकनीकों का उपयोग करते हुए अनेक प्रकार के डब्बा बंद, प्रसंस्कृत उत्पाद, इंस्टैन्ट/रेडी टू इट प्रकार के खाद्य व्यंजनों का निर्माण किया जा सकता हैं।  फसल और फल सब्जियों का उत्पादन लगातार बढता जा रहा हैं एवं उनकी खपत उस मौसम में न होने के कारण अधिकांश समय कृषकों को हानि की संभावना होती हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिये इन फसलों, फल, सब्जियों में खाद्य प्रौद्योगिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण की तकनीकों का उपयोग करके इनसे मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है ।

आप का करियर “चार्टर्ड अकाउंटेंट” (नागेन्द्र दुबे)

खाद्य प्रसंस्करण में उज्जवल है करियर

इन फसलों से मूल्यवर्धित पदार्थ बनाने से प्रदेश के किसानो, युवाओं, महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार प्राप्त करने में भी आसानी होगी। आशय यह है कि खाद्य प्रौद्योगिकी आधारित प्रसंस्करण के कार्य भविष्य के लिये अत्यंत उपयोगी हैं एवं इस क्षेत्र के बहुमुखी विकास हेतु मानव संसाधन का विकास करना अति आवश्यक है।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय

छत्तीसगढ राज्य में भी खाद्य प्रौद्योगिकी के महत्व को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर में वर्ष 2020 से प्रारंभ किया है। इस 4 वर्षीय पाठयक्रम के पश्चात बी.टेक. (फूड टेक्नालाजी) की उपाधि प्रदान की जाती है।

 

प्रति सेमेस्टर फीस

इस पाठ्यक्रम की प्रति सेमेस्टर फीस लगभग 15 हजार गैर छात्रावास विद्यार्थी हेतु निर्धारित है। फीस इसका सिलेबस भारतीय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित हैं। इस बी.टेक. (फूड टेक्नालाजी) कोर्स की 36 सीटों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी को गणित, भौतिक, रसायन विषय के साथ 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य हैं । https://icar.org.in/hi

पी.ई.टी. की परीक्षा में प्रावीणता के आधार पर प्रवेश

व्यापम द्वारा आयोजित पी.ई.टी. की परीक्षा में प्रावीणता के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। वर्ष 2023-24 में इस पाठयक्रम में प्रवेश हेतु ऑनईन काऊंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इच्छुक अभ्यर्थी अधिक जानकारी हेतु  https://vyapam.cgstate.gov.in/  से अदिक जानकारी ले सकते हैं।

4 वर्षीय पाठयक्रम

इस 4 वर्षीय पाठयक्रम के दौरान विद्यार्थियों को खाद्य अभियांत्रिकी, खाद्य प्रौद्योगिकी, खाद्य रसायन, खाद्य माइक्रोबायोलाजी, खाद्य व्यापार प्रबंधन, खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता जॉच से संबंधित विषयों को महत्व के अनुसार शिक्षण एवं प्रायोगिक कार्य हेतु अलग-अलग घण्टे निर्धारित किये गये हैं। अंतिम वर्ष के विद्यार्थीयों को खाद्य प्रौद्योगिकी से संबंधित संस्थानों/केन्द्रों/इंडस्टीज जैसे बेकरी उद्योग, रेडी-टू- ईट फूड, विभिन्न प्रकार के बेवरेजेज, खाद्यान्नों की पिसाई यूनिट, खाद्य तेल से संबंधित उद्योग, फल और सब्जी के विभिन्न मुल्यवर्धित पदार्थ तथा इनकी पैकेजिंग, दुग्ध एवं दुग्ध-निर्मित उत्पाद, अनाज प्रसंस्करण, कन्फेक्शनरी, चॉकलेट, सोया-निर्मित उत्पाद, नमकीन, स्नैक्स, चिप्स, बिस्कुट, तरह तरह के मसाला उद्योग में प्रशिक्षण हेतु अनुलग्न किया जावेगा

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