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पत्रकारिता को साधन बनाया सामाजिक परिवर्तन के लिए

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने - प्रो.संजय द्विवेदी

by satat chhattisgarh
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Baba saheb

 क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (एनसीईआरटी) में मनी अंबेडकर जयंती

भोपाल, 14 अप्रैल। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना है सामाजिक परिवर्तन के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने पत्रकारिता को साधन बनाया और लगभग 36 साल की लंबी पत्रकारीय साधना के माध्यम से वैचारिक क्रांति की। प्रो.द्विवेदी आज क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल में भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134 वी जयंती समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। आयोजन की अध्यक्षता संस्थान के प्राचार्य, प्रोफेसर शिव कुमार गुप्ता ने की तथा विशिष्ट अतिथि मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल (MANIT) के सह प्राध्यापक डॉ. मनोज आर्य रहे ।

प्रो.द्विवेदी ने कहा बाबा साहब ने समाज सुधार और सामाजिक समरसता के विचार को जनांदोलन में बदल दिया। वे संकल्प से सिद्धि के अप्रतिम उदाहरण हैं। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि वे ‘मूक समाज’ को स्वर देकर उसके ‘नायक’ बने। उनकी पत्रकारिता ‘मूक नायक’ से प्रारंभ होकर ‘प्रबुद्ध भारत’ तक जाती है, जो उनकी वैचारिक यात्रा को भी रेखांकित करती है। उच्च शिक्षित होने के बाद बाबा साहब ने अपनी पत्रकारिता का माध्यम अंग्रेजी के बजाए भारतीय भाषाओं को बनाया, क्योंकि वे सामान्य जनों का प्रबोधन करना चाहते थे।

Baba saheb
संस्थान के प्राचार्य प्रो. शिव कुमार गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि समता मूलक समाज के निर्माण में बाबा साहब का योगदान अतुलनीय है। संस्थान के विद्यार्थियों आदित्य नायर एवं शिवांश पांडे के द्वारा बाबासाहेब के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. मनोज आर्य ने बाबा साहब के संघर्ष एवं समाज के लिए किए गए उनके कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसा कोई सेवा का क्षेत्र नहीं रहा जिसके बारे में बाबासाहेब ने मार्गदर्शन न किया हो। भारतीय विदेश नीति एवं सुरक्षा, श्रम सुधारों, सिंचाई व जल प्रबंधन एवं भाषा नीति आदि सभी विषयों पर उनके विचार एवं कार्य आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने विदेशी शक्तियों से मिले अनेक प्रलोभनों को ठुकरा कर बार-बार कहा कि हम प्रथम एवं अंतिम रूप से भारतीय हैं इसीलिए राष्ट्रहित हमारे लिए सर्वोपरि है।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संस्थान के अधिष्ठाता, प्रोफेसर जयदीप मंडल, प्रो. चित्रा सिंह, डॉ. सुरेश मकवाना, प्रो. रत्नमाला आर्या, डॉ. संजय पंडागले, डॉ. अश्वनी गर्ग, डॉ. राम प्रकाश प्रजापति, डॉ. मंजू, डॉ अलका सिंह, डॉ. कुलवीर सिंह, डॉ. प्रद्युम्न सिंह सहित संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी श्री महेश आसुदानी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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