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भगवान बिरसा मुंडा की जयंती

जनजातीय गौरव दिवस

by satat chhattisgarh
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birsa munda

जननायकों के अमूल्य योगदान पर आधारित शौर्याजंलि कैलेण्डर और एटलस का विमोचन

birsa munda : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय जननायकों के अमूल्य योगदान पर आधारित शौर्याजंलि कैलेण्डर को विमाचन किया। इस कैलेण्डर को आदिमजाति विकास विभाग द्वारा तैयार कराया गया है। मुख्यमंत्री ने वन अधिकारों की मान्यता से सम्बंधित एटलस पुस्तक का भी विमोचन किया।

birsa munda

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय जननायकों ने अमूल्य योगदान देकर और मां भारती के चरणों में अपना सब कुछ न्यौछावर कर देश को आजाद कराया। आदिमजाति कल्याण विभाग स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे सेनानियों को नमन करने के साथ ही शौर्याजंलि कैलेण्डर के माध्यम से स्मरण के लिए यह कैलेण्डर प्रकाशित कराया है। विभाग जनजातीय जननायकों को भगवान बिरसा मुंडा के 150 वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर उनके जन्म दिवस और बलिदान दिवस को स्मरण करते हुए नमन करने का प्रयास किया है।

जनजातीय जननायकों के अमूल्य योगदान पर आधारित शौर्याजंलि कैलेण्डर को विमाचन के अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के भार साधक मंत्री श्री राम विचार नेताम,  राज्यसभा सदस्य श्री अरुण सिंह, विधायक सर्व श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री मोती लाल साहू, श्री विकास मरकाम, प्रमुख सचिव आदिवासी विकास श्री सोनमणि बोरा, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य,  मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, आयुक्त श्री नरेंद्र दुग्गे, कमिश्नर रायपुर महादेव कावरे सहित आदिवासी समुदाय के लोग और बड़ी संख्या में कलाकार गण उपस्थित थे।

चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत

भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर 13 से 15 नवम्बर तक तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन साइंस कॉलेज मैदान में आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का आयोजन आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नवा रायपुर द्वारा साइंस कॉलेज मैदान में किया गया। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय औेर तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज नगद राशि और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

इस चित्रकला प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य बच्चों की रचनात्मक क्षमता का पता लगाने और अद्वितीय विचारों को प्रोत्साहित करना है। जब बच्चे ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, तो उन्हें विभिन्न प्रकार के विषयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो उनकी कल्पना और रचनात्मकता को चुनौती देते हैं। नियमों या दिशा-निर्देशों से सीमित न होकर अपनी सोंच को चित्रकला के माध्यम से बच्चे अपनी कलात्मक क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं और अपनी अनूठी शैली और अभिव्यक्ति की खोज कर सकते हैं। ड्राइंग प्रतियोगिताएँ बच्चों को अन्य युवा कलाकारों के साथ बातचीत करने, अपने विचार साझा करने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करके सामाजिक कौशल को बढ़ावा दे सकती हैं। ऐसी प्रतियोगिताएँ समुदाय, टीमवर्क और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है, जो बच्चों को उनके सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद कर सकती है।

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर तीन दिवसीय राज्य स्तर पर आयोजित जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के लिए चार वर्ग में विभाजित कर प्रतियोगिता कराई गई। प्रथम वर्ग 12 से 18 वर्ष तक की आयु के प्रतिभागियों के लिए 13 नवंबर को आयोजित चित्र कला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार कांकेर के श्री डेलियंश पदृदा को 10 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार द्वितीय पुरस्कार सुकमा के श्री हरीश कुमार को 8 हजार रूपए और तृतीय पुरस्कार गरियाबंद के चन्द्र कुमारी नागेश को 5 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार 14 नवंबर को आयोजित 12 से 18 वर्ष तक की आयु के जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार बालोद के दिव्यांशु को 10 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार तृतीय पुरस्कार बीजापुर के श्री डालजीव कोरेटी को 5 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

प्रथम पुरस्कार धमतरी के श्री अवध राम कंवर को 20 हजार रूपए

    जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के 18 से 30 वर्ष तक की आयु वर्ग के प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार धमतरी के श्री अवध राम कंवर को 20 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार द्वितीय पुरस्कार महासमुंद के श्री गुलशन ठाकुर को 15 हजार रूपए और तृतीय पुरस्कार दंतेवाडा के श्री पंकज कुमार नेताम को 10 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार दुर्ग के हरीय कुमार गोंड को 20 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार द्वितीय पुरस्कार सरगुजा के श्री भगत राम को 15 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया और तृतीय पुरस्कार महासमुंद के श्री चुम्मन लाल कर्री को 10 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया।

    इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के भार साधक मंत्री श्री राम विचार नेताम,  राज्यसभा सदस्य श्री अरुण सिंह, विधायक सर्व श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री मोती लाल साहू, श्री विकास मरकाम, प्रमुख सचिव आदिवासी विकास श्री सोन मणि बोरा, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य,  मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, आयुक्त श्री नरेंद्र दुग्गे, कमिश्नर रायपुर महादेव कावरे सहित आदिवासी समुदाय के लोग और बड़ी संख्या में कलाकार उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया हल्बा जनजाति की वाचिक परम्पराएं नामक पुस्तक का विमोचन

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में श्री दामेसाय बघेल द्वारा लिखित पुस्तक ’हल्बा जनजाति की वाचिक परम्पराएं’ का विमाचन किया। ’हल्बा जनजाति की वाचिक परम्पराएं’ में जनजातियों की प्राचीन जीवनशैली के संबंध में पुरखों की व्यवस्था, जन्म संस्कार, विवाह संस्कार, मृतक संस्कार का उल्लेख किया गया है। इसी प्रकार देव संस्कार का ताना-बाना, रीति-रिवाज, देवी-देवताओं के मान्यताएं, मौखिक कला साहित्य, संस्कृति, किवदंतियां, महान विभूतियों के योगदान जड़ी-बुटी के जानकार, ऐतिहासिक, पुरातात्विक धरोहर पर लेख को समाहित किया गया है।

’हल्बा जनजाति की वाचिक परम्पराएं’ नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के भार साधक मंत्री श्री राम विचार नेताम,  राज्यसभा सदस्य श्री अरुण सिंह, विधायक सर्व श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री मोती लाल साहू, श्री विकास मरकाम, प्रमुख सचिव आदिवासी विकास श्री सोनमणि बोरा, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य,  मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, आयुक्त श्री नरेंद्र दुग्गे, कमिश्नर रायपुर महादेव कावरे सहित आदिवासी समुदाय के लोग और बड़ी संख्या में कलाकार गण उपस्थित थे।

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