चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने को तैयार चंद्रयान-3

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Isro) का मिशन चंद्रयान अभियान, चंद्रयान-3 का बुधवार को शाम लगभग 6 बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। ऐसी संभावना है। इसरो के अनुसार 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 27 मिनट पर इस ऐतिहासिक घटना का उसकी वेबसाइट, आधिकारिक यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर तथा डीडी नेशनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।

इससे पहले इसरो ने जानकारी दी कि चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल जिसमें लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ शामिल हैं, उसके परिक्रमा पथ पर सफलतापूर्वक बदलाव किया गया और इसके साथ ही अब इस यान की चंद्रमा से अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर और न्‍यूनतम दूरी 25 किलोमीटर रह गई है।

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यदि चंद्रयान निर्धारित समयानुसार सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर जाता है तो भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला दुनिया का पहला देश और चंद्रमा पर सफल अभियान भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा।

 

डीबूस्ट से गुजरेगा लैंडर

अब आगे के प्रोसेस की बात करें तो अलग होने के बाद लैंडर विक्रम को 30 किमी के निकटतम बिंदु (पेरिल्यून) और 100 किमी के सबसे दूर बिंदु (अपोल्यून) वाली कक्षा में स्थापित करने के लिए “डीबूस्ट” (धीमा करने की प्रक्रिया) से गुजरना होगा. इस कक्षा में पहुंचने के बाद 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश होगी। इसरो साइंटिस्ट्स का मानना है कि इस बार लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड हो जाएगा।

ऐसे चांद के करीब पहुंचता गया चंद्रयान-3

ISRO की तरफ से ट्वीट कर बताया गया था कि ‘‘चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका पहले से अनुमान लगाया गया था। इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई। ” चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। इसके बाद इसने छह, नौ और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया और चांद के और नजदीक पहुंचता गया।

असली टेस्ट अभी बाकी

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने लैंडिंग को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि लैंडिंग का सबसे जरूरी हिस्सा लैंडर के वेग को 30 किलोमीटर की ऊंचाई से अंतिम लैंडिंग तक लाने की प्रक्रिया बाकी है और व्हीकल को हॉरिजॉन्टल से वर्टिकल डायरेक्शन में पहुंचाने की क्षमता वो प्रक्रिया है जहां हमें अपनी काबिलियत दिखानी होगी। जिसका मतलब है कि अभी परीक्षा बाकी है।

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