मतदाताओं को लुभाने लिए बांटे जाने वाले सामानों पर रखी जा रही है कड़ी नजर
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य जीएसटी विभाग में सर्तकता और कार्यवाही बढ़ा दी है। चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने लिए बांटे जाने वाले सामानों के परिवहन पर विभाग की पैनी नजर है। विभाग ने अधिकारियों की 24 टीमों को अन्य राज्यों की सीमाओं से सटे रास्तों पर 24 घंटे वाहनों की जांच के लिए नियुक्त किया गया है और पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से वाहनों की जांच की जा रही है। राज्य कर आयुक्त द्वारा अपने अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय करने और संयुक्त जांच करने की हिदायत भी दी गई हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा राज्य के भीतर भी 15 टीमों के द्वारा ई-वे बिल की जांच लगातार की जा रही है। राज्य कर विभाग द्वारा 01 जुलाई 2023 से 31 अक्टूबर 2023 तक कुल 10.10 करोड का माल जब्त किया। जा चुका है। विभाग की नजर रेल्वे और बसों से भेजे जाने वाले सामानों पर भी हैं।
रेल्वे से परिवहित माल पर भी गलती पाये जाने पर इस दौरान 40.81 लाख की पेनाल्टी लगाई जा चुकी है। चुनाव में मुफ्त बांटे जाने वाले सामान की धरपकड़ सुनिश्चित करने के लिए आयुक्त ने सभी अधिकारियों को उनके क्षेत्र में पड़ने वाले गोदामों की जांच करने हेतु निर्देशित किया गया है।
अब-तक 377 गोदामों की जांच करके स्टॉक में अंतर पाये जाने पर व्यापारियों को 21.05 लाख रुपये जमा कराये गये हैं। विभाग के अधिकारियों द्वारा पुलिस प्रशासन का सहयोग निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने में किया जा रहा है और निर्वाचन कार्य में लगे एसएसटी और एफएसटी में सभी जिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति गई है और उनके द्वारा जांच में प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।
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जब्त राशि दस लाख रुपए से ज्यादा होने पर आयकर विभाग द्वारा की जाती है नियमानुसार कार्यवाही
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा आम निर्वाचन के लिए राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान उड़नदस्ता दलों (FST – Flying Squad Team) और स्थैतिक निगरानी दलों (SST – Static Surveillance Team) द्वारा जब्त की गई दस लाख रुपए से कम की राशि की वापसी की कार्यवाही जिला स्तर पर गठित टीम के द्वारा की जाती है।
जिला स्तरीय समिति गठित की गई है
- आम नागरिकों तथा धन राशि के परिवहन की वास्तविक जरूरत वाले लोगों को असुविधा से बचाने तथा उनकी शिकायतों के निराकरण के लिए हर जिले में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है।
- जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी तथा जिला कोषालय अधिकारी इस समिति में शामिल हैं।
- एफएसटी एवं एसएसटी द्वारा जब्त की गई राशि दस लाख रुपए से अधिक होने पर ऐसे मामले आयकर विभाग के सुपुर्द किए जाते हैं, जहां आयकर विभाग द्वारा कानून के अनुसार वापसी की कार्यवाही की जाती है।
- जिला स्तरीय समिति द्वारा दस लाख रुपए से कम की जब्ती के प्रत्येक मामले की जांच की जाती है।
- समिति द्वारा यह पाए जाने पर कि मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार जब्ती के सम्बन्ध में कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं की गई है, या जहां जब्ती किसी अभ्यर्थी, राजनीतिक दल, किसी निर्वाचन अभियान इत्यादि से जुड़ी हुई नहीं है तो समिति ऐसी नकदी को रिलीज करने के बारे में एक स्पीकिंग आदेश जारी कर इसकी वापसी के लिए रिलीज आदेश जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाती है। समिति जब्ती के सभी मामलों का अवलोकन कर इनकी वापसी के संबंध में निर्णय लेती है।
- जब्ती दस्तावेज में जब्ती के विरुद्ध अपील की प्रक्रिया का उल्लेख होता है। नकदी की जब्ती के समय संबंधित व्यक्ति/व्यक्तियों को जब्तीनामा की प्रति के साथ इसकी भी सूचना दी जाती है। व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी द्वारा नकदी रिलीज करने के संबंध में सभी प्रकार की सूचना का एक रजिस्टर में रख-रखाव किया जाता है। यह रजिस्टर क्रमांकित और तिथिवार होती है। इसमें अवरुद्ध या जब्त नकदी की राशि और संबंधित व्यक्ति/व्यक्तियों को छोड़ दिए जाने की तारीख का विवरण होता है।
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एफएसटी एवं एसएसटी द्वारा की गई नकदी आदि की जब्ती
- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एफएसटी एवं एसएसटी द्वारा की गई नकदी आदि की जब्ती के सभी मामलों को तत्काल जिला स्तरीय समिति के ध्यान में लाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जिससे इन मामलों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।
- आयोग ने निर्देशित किया है कि किसी भी परिस्थिति में जब्त की गई नकदी या बहुमूल्य वस्तुओं से सबंधित मामले मालखाना या कोषागार में मतदान की तारीख के बाद सात दिनों से अनधिक समय के लिए तब तक लंबित नहीं रखे जाएंगे जब तक कि कोई प्राथमिकी या शिकायत न दर्ज की गई हो।
- यह रिटर्निंग अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा कि वे ऐसे सभी मामलों को अपीलीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करें और अपीलीय समिति के आदेशानुसार नकदी व बहुमूल्य वस्तुओं को रिलीज़ करें।
भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के लिए नियुक्त किए तीन विशेष प्रेक्षक
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1988 बैच के बिहार कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री धर्मेन्द्र एस. गंगवार को छत्तीसगढ़ के लिए विशेष सामान्य प्रेक्षक नियुक्त किया है। आयोग ने भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के पंजाब कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री अनिल कुमार शर्मा को राज्य के लिए विशेष पुलिस प्रेक्षक नियुक्त किया है। भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) के 1987 बैच के सेवानिवृत अधिकारी श्री राजेश टूटेजा को विशेष व्यय प्रेक्षक नियुक्त किया गया है।
चुनाव में अधिक से अधिक
मतदाता जागरूकता अभियान मतदाताओं के द्वारा निर्वाचन संबंधी प्रक्रिया में योगदान दिया जा सके इस हेतु भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा विभिन्न प्रकार की जागरूकता अभियान और देश की जाने-माने हस्तियों को ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया गया है।