लोकसभा सचिवालय ने सर्कुलर जारी कर अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को रद्द करने की घोषणा की है। निलंबन मामले में चौधरी ने लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखा, जिसके बाद समिति ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से उनका निलंबन रद्द करने की सिफारिश की थी। सिफारिस के बाद सदन से उनका निलंबन रद्द हो गया है।
11 अगस्त को संसद से निलंबित हुए थे अधीर रंजन चौधरी।
समिति के सामने पेश होने के बाद अधीर रंजन ने लोकसभा में की गई अपनी टिप्पणियों को लेकर खेद जताया। जिसके बाद समिति ने निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया। जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने सर्कुलर जारी कर उनका निलंबन खत्म कर दिया। मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अधीर रंजन के संसद में बुरे व्यवहार का हवाला देकर उनके निलंबन की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया था। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी पर आरोप लगाया गया था कि मानसून सत्र के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री संसद को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने बुरा आचरण किया था। केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नामंजूर होते ही सरकार ने अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव पेश किया था, जो निचले सदन में ध्वनि मत से पारित हो गया था।
संसद में किसी के भावनाओं को ठेस पहुंचाना इरादा नहीं था।
बीजेपी सांसद सुनील कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली समिति से कहा कि उनकी किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना उनका इरादा कभी नहीं था। विशेषाधिकार समिति के एक सदस्य ने कहा, “समिति ने लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव पारित है। यह प्रस्ताव जल्द से जल्द लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।” जिसके बाद सर्कुलर जारी कर उनका निलंबन खत्म कर दिया गया।