अक्षय तृतीया को छत्तीसगढ़ में अक्ति के नाम से जाना जाता है, इस दिन घर पर महिलाएं और लड़कियाँ मिलकर गुड्डे गुड़ियों को सजाती हैं, शादी रचाती हैं। ऐसी मान्यता है की लड़कियों को विवाह के लिये तैयार करना साथ ही भारतीय संस्कृति से जोड़ना है। यह त्यौहार बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ में पहली बार सार्वजनिक रूप से यह आयोजन किया जा रहा है इसकी सफलता हेतु प्रायोजक आमंत्रित हैं।