गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने भारतीय सिनेमा के सार को प्रदर्शित करती सीबीसी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में सीबीसी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी भारतीय सिनेमा के सार को प्रदर्शित करती है।
इस साल की सीबीसी प्रदर्शनी अत्याधुनिक तकनीक और भविष्य के रुझानों का उपयोग करके भारतीय फिल्मों को प्रस्तुत करने और उनके योगदान को दर्शाती है। डिजिटल प्रदर्शनी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (आईएंडबी) में केंद्रीय संचार ब्यूरो ने कला अकादमी, पणजी में स्थापित किया है।
प्रदर्शनियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में हर किसी को इतिहास, नई तकनीक और वीएफएक्स जैसे नए प्रयासों को देखने और आभासी वास्तविकता का उपयोग करने व सिनेमा की दुनिया में एक गहन अनुभव हासिल करने का मौका मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि सिनेमा प्रेमियों के लिए अन्वेषण, अनुभव और शिक्षित होने के लिए यह सही जगह है।
केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रदर्शनी का दौरा किया
“सिनेमा प्रेमियों के लिए अन्वेषण, अनुभव और शिक्षित होने के लिए यह सही जगह है” इस प्रदर्शनी का मुख्य विषय भारतीय सिनेमा पर आधारित है, जहां सिनेमा के विभिन्न पहलुओं जैसे महिला सशक्तिकरण, सामाजिक कारण एवं व्यवहार परिवर्तन, महात्मा गांधी की विचारधारा, प्रेरणादायक युवा, राष्ट्रीय सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एकता तथा सांप्रदायिक सद्भाव, और क्षेत्रीय भाषाओं एवं संस्कृति पर आधारित सिनेमा को दर्शाया गया है।
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- इसमें फिल्म प्रेमियों को संवादात्मक (इंटरैक्टिव) डिस्प्ले के जरिए सिनेमा के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
- यह प्रदर्शनी व्यावहारिक है यह आकर्षक अनुभव प्रदान करेगी।
- आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, डिजिटल पज़ल, इमर्सिव रूम, डिजिटल फ्लिपबुक आदि जैसी विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया गया है।
- प्रदर्शनी में एक दिलचस्प विशेषता जो पाई जा सकती है वह है एलफिंस्टन पिक्चर पैलेस मूवी थियेटर का इमर्सिव अनुभव।
- यह जानना जरूरी है कि कोलकाता का एलफिंस्टन पिक्चर पैलेस भारत का पहला सिनेमा हॉल था।
- प्रदर्शनी में प्रौद्योगिकी को शामिल किया गया है जिससे प्रदर्शनी आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देगी।
- प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ सेल्फी के लिए एक एआर बूथ, एक 360 डिग्री रोबोटिक आर्म, एक तीन तरफ वाली एलईडी दीवार समेत अन्य सुविधाएं हैं।
- शाम में सिनेमा की थीम पर आधारित दो लेजर शो और एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी में प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क है।
प्रदर्शनी में देशभक्ति विषय पर आधारित आजादी से पहले के गीतों का एक खंड भी है
- वतन से चला है वतन का सिपाही_चांद _1944
- ये देश हमारा प्यारा_हमजोली 1946
- ऐ हिन्द के सपूतों जागो हुआ सवेरा, फिल्म – कोशिश 1943
- ऐ वतन मेरे वतन तुझ पे मेरी जां निसार, गुलामी, 1945
- माता माता भारत माता (एचडी)- तकदीर (1943) गीत – नरगिस – मोतीलाल – चंद्र मोहन
- दूर हटो ऐ दुनिया वालों- किस्मत पूरा गाना (1943)
- चलो सिपाही, करो सफाई_ब्रह्मचारी_1938
- चल चल रे नौजवान_बंधन, 1940
- हम पंछी हैं आज़ाद_नसीब 1945
- दुनिया ना माने_–शांता आप्टे, 1937
- भारत प्यारा देश हमारा_मुस्कराहट_1943
- है धन्य तू भारत नारी_भारत की बेटी_1936