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फिल्म ’12वीं फेल’

12th फेल फिल्म अनुराग पाठक के उपन्यास को आधार लेकर बनी है

फिल्म ’12वीं फेल’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करते हुए रिलीज के बाद से अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन दर्ज किया है। माउथ पब्लिसिटी के कारण हिट हो रही यह फिल्म देखने वालों को दिल को छू जाती है। विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित, अनुराग पाठक के नवल 12th फेल पर बनी फिल्म सिनेमा घरों में तहलका मचा रही है। हर संघर्षील और जीवन में कुछ कर गुजरने वाले व्यक्ति को 12th फेल फिल्म जरूर देखना चाहिए। फिल्म ने पूरे भारत में अनुमानित 3.42 करोड़ रुपये की कमाई की, जो कि इसके पिछले उच्चतम कलेक्शन 3.12 करोड़ रुपये से अधिक है।विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित ’12वीं फेल’ आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी की जीवन यात्रा पर आधारित है।

आपको ज्ञात होगा कि 12th फेल फिल्म अनुराग पाठक के उपन्यास को आधार लेकर बनी है।

12th फेल पहली फुर्सत में ही देख लेनी चाहिए

फिल्मों को सिर्फ मनोरंजन का साधन मानने वालों को विधु विनोद चोपड़ा निर्देशित “12वीं फेल” ज़रूर देखनी चाहिए।  ऐसी फिल्मों को मैं “दुर्लभ संपत्ति” कहूंगा।  इसमें मध्य प्रदेश के रहने  वाले IPS मनोज शर्मा के संघर्ष को दर्शाया गया है। जिसमें अकल्पनीय,अद्वितीय एनर्जी के साथ ही जितना मोटिवेशन है उतना ही इमोशन भी। एक्टर विक्रांत मेसी ने आईपीएस मनोज शर्मा का किरदार निभाया है।

चीटिंग छोड़नी होगी

किसी व्यक्ति के द्वारा बोला गया एक संवाद किसी दूसरे व्यक्ति का पूरा जीवन बदल सकता है अगर यह देखना है तो आपको 12वीं फेल फिल्म जरूर देखना चाहिए।  12वीं फेल फिल्म की शुरुआत आपको एक स्कूल में लेकर जाती है जहां नकल मरवाना परंपरा बन चुकी है। इस बार नकल करवाने का तरीका अलहदा है। यानी टीचर बोर्ड पर ही लिखकर आंसर बता रहे हैं। इसी बीच एक डीएसपी पहुंच जाते हैं। नकल पकड़ी जाती है और सब के सब बच्चे फेल हो जाते हैं । आगे कुछ ऐसे घटनाक्रम होते हैं कि मनोज डीएसपी से पूछ बैठता है कि मुझे भी आप जैसा बनना है। इसके लिए क्या करना होगा? सबसे पहले तो चीटिंग छोड़नी होगी, इतना कहते हुए डीएसपी मुस्कुराकर गाड़ी आगे बढ़ा लेते हैं। बस यही सेंटेंस मनोज की लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट बन जाता है।

कमाल का स्क्रीनप्ले है 12वीं फेल फिल्म में

12वीं फेल फिल्म की सफलता की कई शर्तों में एक अहम है स्क्रीनप्ले जो आपको न सिर्फ मूवी से पूरी तरह कनेक्ट करता है, साथ ही बांधे रखता है। संवाद भी ऐसे कि तालियों के लिए आपके हाथ खुद ही उठ जाएं।  अभिनय में हर किसी ने शानदार आउटपुट दिया है। यहां तक कि कोचिंग के प्रोफेसर का अभिनय भी सोने के तौल सा परफेक्ट है।

टैक्स फ्री हो फिल्म, स्कूली बच्चे जरूर देखें

फिल्म का मैसेज इतना मजबूत है कि स्कूलों को चाहिए कि वे बच्चों की ग्रुप में फिल्म दिखाने लेकर जाएं। कॉलेज के विद्यार्थी तो खुद ही जा सकते हैं। सरकारों को चाहिए कि फिल्म टैक्स फ्री हो ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखें।

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क्यों देखें 12वीं फेल फिल्म

फिल्म सिर्फ उनके लिए ही नहीं है जो यूपीएससी क्रैक कर रहे या करना चाहते हैं। लाइफ में कई तरह के उतार चढ़ाव आते हैं। खुद को रीस्टार्ट की जरूरत होती है। यह फिल्म आपको रीस्टार्ट का महत्त्व तो बताएगी ही, निराशा से उबरने का रास्ता भी दिखाएगी।

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