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खनिज परियोजना निरस्त करे
राज्य सरकार हसदेव अरण्य को बचाने विधानसभा के संकल्प का सम्मान कर खनिज परियोजना निरस्त करे। छत्तीसगढ़ के संवेदनशील नागरिक और जनवादी संगठन हसदेव के जंगलों के विनाश और आदिवासियों के दमन के खिलाफ करेंगे विरोध प्रदर्शन।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील नागरिकों बैठक
26 दिसंबर 2023 को वृंदावन हॉल,रायपुर में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जनवादी संगठन और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील नागरिकों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में हसदेव अरण्य में हो रही पेड़ कटाई और प्रभावित आदिवासी समुदाय पर पुलिसिया दमन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए व्यापक आंदोलन की घोषणा की । दिनांक 28 दिसंबर को हसदेव अरण्य के विनाश के खिलाफ नागरिक प्रतिरोध मार्च राजधानी रायपुर में निकालकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही पूरे प्रदेश से हसदेव चलो का नारा देते हुए गांव गांव में हसदेव को बचाने के लिए रैली आयोजित की जाएगी।
बैठक में हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक मंडल सदस्य उमेश्वर आर्मो ने कहा कि हम सिर्फ अपने जंगल, जमीन को बचाने के लिए आंदोलन नही कर रहे है बल्कि हसदेव नदी, पर्यावरण, वन्य जीव और हम सभी की सांसों को बचाने के लिए लड़ रहे है। पिछले 12 सालों से कानूनों पर विश्वास करके लोकतांत्रिक तरीके से हसदेव के आदिवासी आंदोलनरत है लेकिन सरकार दमन करके अन्याय पूर्वक हमारे जंगल, जमीन छीन रही है। हमारे जंगल से करोड़ो रुपए के लघु वनोपज निकलते है जो कई पीढ़ियों तक चलेंगे, आक्सीजन मिलती है, पानी मिलता है लेकिन सरकारों को विकास का नाम सिर्फ कोयला निकालना ही है।
सुबह 4 बजे सोते हुए पुलिस ने हमे घर से उठाया
ग्राम साल्ही के रामलाल करियाम ने कहा कि सुबह 4 बजे सोते हुए पुलिस ने हमे घर से उठाया, कपड़े तक पहनने नही दिए क्या हम कोई अपराधी हैं? पुलिस कानून से नहीं, बल्कि अदानी कंपनी के इशारे पर चल रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 3 दिनों तक पूरे गांव को एक तरह से बंधक बनाकर रखा गया और पेड़ों की कटाई की गई।
राज्य सरकार से अपील
बैठक में उपस्थित नागरिकों ने राज्य सरकार से अपील करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के दिनांक 26 जुलाई 2022 को सर्वानुमति से पारित अशासकीय संकल्प “हसदेव क्षेत्र में आवंटित सभी कोल ब्लॉक रद्द किए जाएँ’’ का पालन किया जाए। हसदेव अरण्य की पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभाएं, जिन्होंने कभी भी खनन परियोजनाओं को सहमति नही दी है । ग्रामसभाओं के निर्णयों का पालन करते हुए कोल ब्लॉक को दी गई सहमतियां वापिस ली जाएँ।
खनन से हसदेव नदी और बांध के अस्तित्व पर संकट
बैठक में कहा गया कि केंद्र सरकार के ही एक संस्थान “भारतीय वन्य जीव संस्थान” ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और बांध के अस्तित्व पर संकट होगा। प्रदेश में मानव हाथी संघर्ष इतना बढ़ जाएगा कि फिर कभी उसे कभी सम्हाला नही जा सकता। इस रिपोर्ट के बाद भी हसदेव अरण्य में खनन परियोजनाओं को आगे बढ़ाना प्रदेश के लिए आत्मघाती कदम होगा।
आज की बैठक में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से आलोक शुक्ला, छत्तीसगढ़ किसान सभा से संजय पराते, नदी घाटी मोर्चा से गौतम बंधोपाध्याय, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (MKS) से कलादास डहरिया, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल, आम आदमी पार्टी से वदूद आलम, सहित डॉक्टर उदय भान सिंह, विशाल शर्मा, एडवोकेट सादिक अली, उमेश बिसेन, एडवोकेट प्रियांक शुक्ला, नरोत्तम शर्मा, पवन सक्सेना, रायपुर एवेंजर से शमीर वेंश्यानी, आनंद टोप्पो, दिनेश सोनी, गार्गी वर्मा, डॉक्टर सत्यजीत साहू, सुनील शर्मा, सूरज दुबे, टोपलाला वर्मा विजेंद तिवारी सहित विभिन्न पर्यावरण संवेदनशील नागरिक शामिल हुए।