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5230 किसानों की जिंदगी में फैली हरीतिमा

by satat chhattisgarh
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सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रहा है

ऐसे समस्त किसानों जिनके पास जल स्त्रोत तो पूर्व से उपलब्ध था, किंतु बिजली कनेक्शन के अभाव में या तो डीजल अथवा अन्य महंगे ईंधन का उपयोग कर सिंचाई करते थे या सिंचाई के लिये सिर्फ वर्षा के जल पर आश्रित रहते थे। उनके लिए वरदान साबित हो रहा है। सौर सुजला योजना लागू होने के पश्चात से अब किसान सोलर पंप के माध्यम से अपने खेतों के साथ जिंदगी में भी हरियाली बिखेर रहे हैं।

आसानी से अपने खेतों में हो रही सिंचाई

अब सिंचाई के लिए न तो आसमान की ओर ताकना पड़ता है और न ही विद्युत कनेक्शन का बाट जोहना पड़ता है। वे अब आसानी से अपने खेतों की सिंचाई कार्य कर पा रहे हैं। योजना के प्रारम्भ से अब तक जिला महासमुंद के कुल 5230 किसानों को योजना का लाभ मिला है।

क्रेडा है नोडल एजेन्सी

 

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा), ऊर्जा विभाग छ.ग. शासन के अधीन राज्य सरकार की अधिकृत नोडल एजेन्सी है। जिसके माध्यम से राज्य में अनेक गैर परम्परागत ऊर्जा आधारित परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके तहत सोलर रूफटॉप सौर संयंत्र, ऑन ग्रिड सौर संयंत्र, पेयजल हेतु सोलर ड्यूल पंप, कृषि प्रयोजन कार्य हेतु सोलर सिंचाई पंप के अलावा अनेक परियोजनाओं का क्रियान्वयन राज्य में किया जा रहा है। सौर सुजला योजना अंतर्गत राज्य के प्रत्येक वर्ग के किसानों को कृषि प्रयोजनों हेतु सिंचाई कार्यों के लिये राज्य शासन द्वारा अत्यंत आकर्षक अनुदान एवं रियायती दरों पर सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

 

महासमुंद जिले के ग्राम ठेलकादादर की महिला किसान श्रीमती रेवती पटेल की तरह 5 हजार और अन्य किसानों ने सोलर पम्प स्थापित कर आर्थिक समृद्धि के द्वार खोले हैं। श्रीमती रेवती बताती है कि योजना के तहत वर्ष 2023-24 में विकासखण्ड-पिथौरा के ग्राम – ठेलकादादर में अपने खेत में 03 एच.पी. क्षमता का सोलर पंप स्थापित किया है। जिससे वे खेतों में सब्जी उत्पादन कर कम समय में लगभग 45000 रुपए का लाभ ले चुकी है। उन्होंने बताया कि वे बिजली के अभाव में जल स्त्रोत होते हुए भी कृषि कार्य नहीं कर पाती थी या परंपरागत विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने हेतु लाखों रूपये का व्यय होता था, अब इस योजना का लाभ लेकर अपने खेतों में विभिन्न प्रकार के फसलों का उत्पादन कर लाभ अर्जित कर रहें है।

 

कार्यपालन अभियंता क्रेडा ने बताया कि योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु इस योजना के तहत जिला महासमुंद को 650 नग सोलर पंप का लक्ष्य आबंटित किया गया है जिसके विरूद्व जिले में अब तक 231 सोलर पंप स्थापित किया जा चुका है। 3 एच.पी. क्षमता के सोलर पम्प स्थापना हेतु सामान्य वर्ग के लिए 18 हजार, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 12 हजार, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 7-7 हजार रुपए लागत एवं हितग्राही अंश राशि का प्रावधान है। वहीं 5 एचपी पम्प स्थापना के लिए सामान्य वर्ग हितग्राहियों के लिए 20 हजार, अन्य पिछड़ा वर्ग 15 हजार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिए 10 हजार रुपए अंशदान देना होता है। प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में एक रूपए प्रति वॉट की दर से अतिरिक्त देय होगा।

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