रोज़ डे, प्रपोज़ डे चॉकलेट डे, (कविता)

जिनके हिस्से में इंसान होना नहीं
जिनके हिस्से में ज़मीन, आसमान
हवा, पानी, रौशनी नहीं

जिनके लिए कहीं,
मनुष्यता नहीं, निष्पक्षता नहीं
जिनके लिए,
किसी भी टेबल पर न्याय नहीं
जिनके इर्द-गिर्द सिर्फ बारूद और धुंआ है

जिनका कोई निश्चित भविष्य नहीं
जिनके पास सब्ज़ा नहीं
जिनके पास रोटी नहीं
जिनके पास ज़िंदा आदमीयों से ज़्यादा
मुर्दे आदमीयों का ढेर लगा हुआ है

वो किसके साथ, और कैसे सेलिब्रेट करें ?
रोज़ डे, प्रपोज़ डे चॉकलेट डे,
हग डे, किस डे, फादर डे,मदर डे
डॉटर डे, इंडीपेंडेंस डे
उनके हिस्से में हमेशा के लिए
लिख दिया गया है स्लेप डे !!

 

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