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रेडियो कार्यक्रमों की श्रृंखला का उद्घाटन

कृषि जागरूकता पर 

by satat chhattisgarh
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रेडियो संवाद द्वारा चलाया जाएगा कृषि जागरूकता अभियान

उर्वरक विभाग रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यक्रमों एवं योजनाओं पर सामुदायिक रेडियो कार्यक्रमों की श्रृंखला का उद्घाटन रेडियो संवाद 90.8 FM, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में किया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. चंद्रशेखर ओझा ने इस श्रृंखला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए नेशनल फार्टिलाइजर्स लिमिटेड विजयपुर गुना के मुख्य प्रबंधक कॉरपोरेट संचार विक्रम रावत ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के किसानों को समृद्ध बनाना है। इसके अंतर्गत रायपुर में रेडियो संवाद द्वारा कृषि पर 180 एपिसोड की श्रृंखला का प्रसारण किया जायेगा। इन कार्यक्रमों का निर्माण एवं प्रसारण कृषि विशेषज्ञों की सहायता से किया जाएगा। यह कार्यक्रम कृषि विकास एवं कृषि में संतुलित उर्वरकों के उपयोग की जागरूकता में महत्वपूर्ण साबित होगा। विशिष्टअतिथि कृषि विज्ञान केंद्र दुर्ग के निदेशक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजय जैन ने वर्तमान में बदल रहे जलवायु परिवर्तन के विषय में कहा कि आज पेड़ लगाने के साथ उनके सरंक्षण की अत्यंत जरुरत है। जलवायु परिवर्तन का सीधा असर खेती पर हो रहा है। इसलिए जलवायु परिवर्तन से हो रहे बदलावों पर ध्यान देना होगा। कुलसचिव डॉ. चंद्रशेखर ओझा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि कृषि विकास के इस महत्वपूर्ण प्रयास में पत्रकारिता विश्वविद्यालय भी एक कड़ी के रूप में कार्य करेगा।

On the Paths of Life (Poem)Inauguration of a series of radio programs
यह कार्यक्रम उर्वरक विभाग रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यक्रमों एवं योजनाओं पर सामुदायिक रेडियो कार्यक्रमों की श्रृंखला में नेशनल फ़र्टिलाइज़र्स लिमिटेड, विजयपुर, गुना (म.प्र.) द्वारा प्रायोजित होकर चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो स्टेशन ” रेडियो संवाद 90.8 FM” द्वारा 180 एपिसोड का प्रसारण और 45 रेडियो कार्यक्रम का निर्माण किया जाएगा।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन रेडियो संवाद के केंद्र निदेशक डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने दिया। उन्होंने कहा कि समाज के विकास में सामुदायिक रेडियो अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो की उपयोगिता पर समाज का ध्यान आकर्षित कराए जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि जनसंचार माध्यमों में रेडियो महत्वपूर्ण है। रेडियो ही वह माध्यम है, जो किसानों तक सीधा पहुंचता है। इसलिए विकास एवं जागरूकता के कार्यक्रमों के लिए हमें कम्यूनिटी रेडियो के पास आना चाहिए। एनएफएल के रायपुर एरिया मेनेजर एसके भगत ने कहा कि रेडियो संवाद के माध्यम से हम कृषि जागरूकता के कार्यक्रमों को गुणवत्ता के साथ प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राजेंद्र मोहंती, डॉ. आशुतोष मंडावी समेत शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे.

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