Independence Day पर छत्तीसगढ़ के गांवों को तोहफा , गाँवों में पहली बार बिजली आपूर्ति।

भारत आज जब अपना 77 वां स्वतंत्रता दिवस Independence Day 2023 मना रहा है। मगर देश के कुछ ऐसे इलाके अभी भी हैं। जहाँ आज भी बिजली पानी ,स्वास्थ आदि प्राथमिक सुविधा नहीं है। स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले बीजापुर और तेलंगाना की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के एल्मागुंडा के सुदूर गांव में सोमवार को पहली बार बिजली की आपूर्ति की गई। अब तक इन गाँवों में कुछ ग्रामीण सौर ऊर्जा का उपयोग करते थे। लेकिन उनमें कईयों के पास किसी भी प्रकार की बिजली तक पहुंच नहीं थी।

गाँवों में पहली बार बिजली आपूर्ति

अभी भी कुछ गाँवों में अभी भी बिजली नहीं।

हालांकि एल्मागुंडा गांव को आखिरकार बिजली मिल गई है। लेकिन क्षेत्र के अन्य 100 से 130 गांवों में अभी भी अंधेरा छाया है। सुकमा और बीजापुर छत्तीसगढ़ के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिले माने जाते है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (dig)सुंदरराज पी के अनुसार नक्सलियों की हिंसक गतिविधियों के कारण आज तक बिजली की सुविधा नहीं पहुंच सकी है।

 

नक्सली गतिविधियों के कारण बिजली पहुँचने में हुई देरी।

 

इन गाँवों में बिजली लाइनें राज्य बिजली विभाग द्वारा जिला पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (crpf)की मदद से बिछाई गईं। बिजली विभाग के कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा छह महीने पहले ही इलाके में एक पुलिस शिविर स्थापित किया गया था। इलाके में बिजली मुहैया कराने में देरी के लिए सरकार ने नक्सली गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया।

 

 

सुकमा जिले की पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया। पुलिस शिविर स्थापित करने के बाद,  ग्रामीणों के साथ नियमित बैठकें कीं।   उन्हें नक्सली गतिविधियों के बारे में जागरूक किया। हमने उन्हें गांवों के विकास में भाग लेने और नक्सलवाद से दूर रहने के लिए भी प्रोत्साहित किया। इसके बाद एल्मागुंडा के विकास कार्यों में तेजी आई है। आने वाले दिनों में ग्रामीणों को अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

ये भी पढ़ें;-

131 सदस्यों की सहमति से दिल्ली सर्विस बिल- 2023 राज्यसभा में भी पारित हुआ।

सुविधाएं के लिए अन्य इलाकों में भी सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए।

https://satatchhattisgarh.com/the-chief-minister-will-give-a-gift-of-334-23-crores-to-the-common-people-in-the-world-tribal-day-program/

पुलिस ने यह भी बताया कि पिछले कुछ महीनों में बस्तर क्षेत्र के अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों जैसे टोंडमरका और बेदरा में कई सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं।

 

उन्होंने कहा कि शिविरों ने उन्हें स्थानीय लोगों के साथ मिला।  सड़क, बिजली और स्कूलों जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने में मदद की है। जिसके कारण ही Independence Day  से पहले इन इलाकों में बिजली कि आपूर्ति हो पाई है।

बिजली में पढ़ाई करते बच्चे।

स्वतंत्रता दिवस  Independence Day 2023 की पूर्व संध्या पर सुकमा जिले के एल्मागुंडा गांव में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुंदरराज पी. ने कार्यक्रम में कहा कि अब गांव के हर घर में बिजली कनेक्शन है। यह एकीकृत विकास केंद्रों के रूप में कार्य करने वाले सुरक्षा शिविरों का परिणाम है।

 

बस्तर रेंज में सुरक्षा शिविर न केवल परिचालन कार्य करते हैं।  बल्कि स्थानीय प्रशासन के समन्वय से सड़क निर्माण, विद्युतीकरण और पीडीएस दुकानें, स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र आदि खोलने जैसे विकास कार्यों की सुविधा भी देते हैं।

 

लाइक और फॉलो करें;-

https://instagram.com/satat_chhattisgarh_?utm_source=qr&igshid=MzNlNGNkZWQ4Mg%3D%3D

Related posts

वन अग्नि रोकथाम एवं प्रबंधन पर कार्यशाला

अनुसंधान और नवाचार की भूमिका महत्वपूर्ण

टामन सिंह सोनवानी के एक और कारनामे का खुलासा