LIC dividend : LIC ने एक बार फिर सरकारी खजाने में बड़ा योगदान दिया है। इस बार LIC ने सरकार को 3,662 करोड़ रुपये से ज़्यादा का भुगतान किया है। यह भुगतान लाभांश के रूप में किया गया है, जिसका चेक निर्मला सीतारमण को सौंपा गया। LIC में सरकार की इतनी हिस्सेदारी है। दरअसल, LIC में भारत सरकार सबसे बड़ी शेयरधारक है। वर्तमान में LIC के 632.49 करोड़ पूर्ण चुकता इक्विटी शेयरों में से अकेले सरकार के पास 610.36 करोड़ शेयर हैं। यह भी कहा जा सकता है कि LIC के 96.50 प्रतिशत शेयर वर्तमान में भारत सरकार के पास हैं। इससे पहले सरकार के पास पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। IPO में कुछ हिस्सेदारी कम हो गई थी। सभी कंपनियाँ अपनी कमाई का एक हिस्सा अपने शेयरधारकों को लाभांश के रूप में देती हैं। LIC ने भी अपनी कमाई का एक हिस्सा लाभांश के रूप में शेयरधारकों को देने का फ़ैसला किया और सबसे बड़ी शेयरधारक होने के नाते भारत सरकार को सबसे बड़ा भुगतान मिला। कुल लाभांश भुगतान 6,100 करोड़ के पार
वार्षिक आम बैठक में लाभांश के इस भुगतान को मंजूरी दी
हाल ही में आयोजित एलआईसी शेयरधारकों की वार्षिक आम बैठक में लाभांश के इस नवीनतम भुगतान को मंजूरी दी गई। सरकारी बीमा कंपनी की एजीएम 22 अगस्त को हुई थी। कंपनी ने मई में घोषणा की थी कि वह पिछले वित्त वर्ष के लिए अपने शेयरधारकों को 6 रुपये प्रति शेयर का अंतिम लाभांश देगी। उससे पहले, 1 मार्च 2024 को कंपनी ने अंतरिम लाभांश के रूप में सरकार को 2,441.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इस तरह पिछले वित्त वर्ष के लिए लाभांश के रूप में सरकारी खजाने में एलआईसी का योगदान 6,100 करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
एलआईसी का शेयर फिलहाल इसी स्तर पर कारोबार कर रहा है
एलआईसी का आईपीओ मई 2022 में आया था। आईपीओ में प्राइस बैंड 902 रुपये से 949 रुपये तय किया गया था। आईपीओ को अच्छा रिस्पॉन्स मिला, लेकिन इसकी लिस्टिंग खराब रही। एलआईसी का शेयर 867 रुपये के डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ था। बाद में बाजार में कारोबार के दौरान शेयर का भाव एक समय 600 रुपये से भी नीचे चला गया था। पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकारी शेयरों में आई शानदार तेजी में भी इसका भाव चढ़ा और पहली बार एलआईसी का शेयर आईपीओ लेवल से ऊपर निकलने में कामयाब रहा। फिलहाल एलआईसी का एक शेयर 1,071 रुपये पर कारोबार कर रहा है। गुरुवार को भाव में 1.24 फीसदी की गिरावट आई थी।