MBA Programme : भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) ने आज नई दिल्ली में अपने दो वर्षीय प्रमुख एमबीए (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार) और दो वर्षीय एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स 2024-26 प्रोग्राम का उद्घाटन समारोह आयोजित किया। उद्घाटन समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि, आईआईएफटी के कुलाधिपति और भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के सचिव श्री सुनील बर्थवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके की गई। इस कार्यक्रम में नये बैच के छात्र और उनके माता-पिता, प्राध्यापक और कर्मचारी शामिल हुए।
श्री सुनील बर्थवाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया
इन प्रतिष्ठित पाठ्यक्रमों (प्रोग्राम) के छात्रों को बधाई दी और कहा कि हमारी तेजी से परस्पर जुड़ी दुनिया में, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और व्यवसाय विश्लेषण दोनों वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देने का आधार बना हुआ है। साथ ही, व्यवसाय विश्लेषण संगठनों के संचालन के तरीके को बदल रहा है, डेटा-संचालित निर्णय लेना सक्षम बना रहा है और दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने वाली जानकारी प्रदान कर रहा है।
उन्होंने विचार-विमर्श और चर्चा के माध्यम से सहकर्मी से सहकर्मी के बीच आपस में सीखने की संस्कृति को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे उद्योग, पूर्व विद्यार्थियों, व्यापार आधारित अनुसंधान संगठनों और सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत के माध्यम से सीखने के माहौल को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफ़टी) द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का अधिकतम लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सीमाओं से परे सोचने, विविधता को अपनाने और दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बदलते समय के साथ, नए कौशल सीखने और फिर से सीखने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रौद्योगिकी और उद्यमिता कौशल का लाभ उठाएं
श्री बर्थवाल ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनने की अपनी यात्रा में अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे उभरती सेवाओं और व्यापार से संबंधित क्षेत्रों में खुद को अग्रणी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और उद्यमिता कौशल का लाभ उठाएं तथा विज़न @2047 में योगदान दें।
भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफ़टी) के कुलपति प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी ने नए विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कॉर्पोरेट जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत और समकालीन प्रबंधन कौशल को अपनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफ़टी) को अत्याधुनिक समकालीन शोध, प्रशिक्षण और शिक्षा के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य में विशेषज्ञता रखने वाले वैश्विक ख्याति वाले विश्व स्तरीय संस्थान में बदलने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।