चंद्रयान-3 चन्द्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया है। मिशन कि सफलता के साथ ही चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला विश्व का पहला देश भारत बन गया है। चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर अपना कदम रखा। अब यह प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से बाहर निकलकर चन्द्रमा की सतह की सभी जानकारी हम तक भेजेगा
इसरो ने ट्वीट कर दी जानकारी
?ref_src=twsrc%5Etfw">August 23, 2023Chandrayaan-3 Mission:
'India🇮🇳,
I reached my destination
and you too!'
: Chandrayaan-3Chandrayaan-3 has successfully
soft-landed on the moon 🌖!.Congratulations, India🇮🇳!#Chandrayaan_3#Ch3
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 23, 2023
'India🇮🇳,
I reached my destination
and you too!'
: Chandrayaan-3
Chandrayaan-3 has successfully
soft-landed on the moon 🌖!.
Congratulations, India🇮🇳!#Chandrayaan_3#Ch3
चंद्रयान-3 को सतह पर उतारने की प्रक्रिया चार चरणों में पूरी हुई।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के अंतर्गत 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर मॉड्यूल की सॉफ्टलैंडिग की समय निर्धारित की थी। जिसके लिए पहले से इस कठिन कार्य को पूरा करने की तैयारी कर ली गई थी। इसरो के लिए सबसे बड़ी चुनौती करीब छह हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूम रहे लैंडर की गति को धीरे-धीरे कम करना था।
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इसके साथ साथ लैंडर को चंद्रमा की धूल के प्रभाव को सहना था ताकि वो अपनी स्थिति क्षैतिज से ऊर्ध्वाधर कोण में बदल सके। जिसमें इसरो सफल रहा। इस कार्य में करीब 15 मिनट का समय लगने वाला था। वैज्ञानिक अपने बोल चाल में इस चरण को 15 मिनट का संकट कहते हैं।
14 जुलाई को चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किया गया था।
https://satatchhattisgarh.com/chandrayaan-3-ready-to-make-soft-landing-on-moons-south-pole/
गौरतलब है कि चन्द्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था। चन्द्रयान-3, पहली अगस्त को पृथ्वी की कक्षा को छोडकर चन्द्रमा की ओर रवाना हुआ था। 5 अगस्त को इसने सफलतापूर्वक चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। जिसके बाद आज यह चंद्रमा की सतह पर पहुँच कर भारत के मिशन की सफलता का पर्याय बन गया।