अक्षय कुमार की फिल्म OMG-2 रिलीज़ हो गई है। फिल्म अपनी पुरानी फिल्म की रीमेक है। फिल्म के निर्देशन और लेखन अमित राय ने किया है। फिल्म में बतौर अभिनेता पंकज त्रिपाठी, अक्षय कुमार और यामी गौतम ने काम किया है।
फिल्म की कहानी शुरू होती है महाकाल की नगरी में। जहाँ कांति (पंकज त्रिपाठी) की उस शहर में दुकान है। वो शिव को अपना आराध्य मानता है। और शिव के पूजा पाठ में लगा रहता है। वो अपने बीवी और दो बच्चों के साथ सुखी जीवन बिता रहा है। उनका बेटा विवेक और बेटी अलग-अलग स्कूल में पढ़ते हैं। विवेक शहर के सबसे बड़े इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ता है जहाँ एक दिन कांति को बेटे के स्कूल से बुलावा आता है।
स्कूल वाले कहते हैं किआपके बेटे ने शर्मनाक हरकत की है और अपराध इतनी संगीन है कि इसे निकाला जाता है। बेटे ने जो किया वो पूरे शहर में वायरल हो जाता है। फिर कांति अपने बेटे के सम्मान और सच्चाई के लिए कोर्ट के दरवाज़े पर पहुंचता है। करीब ढाई घंटे की फिल्म में कई दकियानूसी मान्यताओं को दिखाई गई है।
OMG 2 की स्टार कास्ट
फिल्म मे सेंसर बोर्ड के बदलावों के बाद अक्षय कुमार का कैरेक्टर पहले शिव था जिसे फिर उसे शिव का दूत बना गया। हालाँकि फिल्म में अक्षय कुमार की स्टार पावर को बहुत कायदे से इस्तेमाल किया है। पिछले कई फिल्मों की तरह एक सेंसिबल सब्जेक्ट पर बनी है।
फिल्म की कहानी और उसका अपने टॉपिक को संवेदनशीलता के साथ हैंडल करना सबसे अलग है। अक्षय फिल्म में कहानी को ओवरशैडो करते नहीं दिखते हाँ फिल्म में पहिये को आगे ले जाने का काम ज़रूर करते हैं। अक्षय के कैरेक्टर को गैर ज़रूरी ढंग से फुटेज नहीं दी गई फिल्म में उन्होंने काम भी अच्छा किया।
दुनिया मार्स पर कोलॉनी बनाने वाली है। ऑटोमैटिक गाड़ियां चल रही हैं और इधर हम सबसे निजी, इंटीमेट बात करने में सकपका जाते हैं। इन बातों से महिलाओं के पल्लू मुंह में दब जाते हैं, पुरुष आंखें फेरने लगते हैं। बच्चों के कान पर हाथ रख देते हैं। सेक्स शब्द सुनने पर ये हमारा सार्वजनिक रिएक्शन बन गया है। अगर सेक्स सुनने पर ये हाल है तो उसकी एजुकेशन पर तो कहां ही बात होगी।
फिल्म में संवाद
फिल्म की ऐसी लाइन लोगों को दैनिक लाइफ से जोड़ती है। फिल्म में एक लाइन है कि इंसान के पैदा होने से लेकर उसकी डेथ तक। हर जगह सेक्स का रोल है लेकिन फिर भी हम इसके प्रति जागरूकता नहीं होना चाहते। जेनिटल्स को प्राइवेट पार्ट कहकर उनकी जानकारी भी बस प्राइवेट रखा गया है।
ऐसा और भी फिल्मों में हो चुका है, तो फिर OMG 2 में नया क्या है। फिल्म सेक्स एजुकेशन पर ज्ञान झाड़कर आगे नहीं बढ़ना चाहती। ये किसी भी पॉइंट पर प्रीच करने की कोशिश नहीं करती। ना ही अपने सब्जेक्ट को हंसी-मज़ाक का पात्र बनाती है। वो उसकी गंभीरता को पूरी तरह से समझती है। ऐसा नहीं है कि फिल्म में ह्यूमर नहीं। भरपूर ह्यूमर है और वो लैंड भी करता है। फिर चाहे वो कोर्ट वाले सीन हों या कांति का अंग्रेज़ी ना समझ पाना हो। लेकिन एक भी जोक फिल्म की मैसेजिंग को हल्का नहीं पड़ने देता।
फिल्म की शुरुआत होती है सेक्स से जुड़े सामाजिक मिथकों से। ये करोगे तो ऐसा हो जाएगा, ऐसा नहीं करोगे तो वैसा हो जाएगा जैसी बातों से फिल्म की शुरुआत होती है। फिल्म इन मिथ्यों को अपने हिसाब से जवाब देने की कोशिश भी करती है।
फिल्म OMG 2 की खामियां
इसमें खामियां भी हैं, जैसे इसका हल्का क्लाइमैक्स, एक बार यह कहानी हाई पॉइंट पर जाकर बड़ी शांति से खत्म हो जाती है। लेकिन वो इतनी बड़ी कमी नहीं है जिससे फिल्म को खारिज कर दिया जाए।
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कांति बने पंकज त्रिपाठी ने सिर्फ अपने कैरेक्टर के एक्सेंट को नहीं पकड़ा बल्कि उन्होंने उस मासूमियत को भी समझा है । जिसे आम जीवन में हर व्यक्ति महसूस करता है। पूरे फिल्म में पंकज त्रिपाठी अपने किरदार को बासी नहीं होने देते बल्कि वो मज़बूती के साथ केस लड़ते हैं।
फिल्म में कहानी में मज़ा तभी है जब हीरो को बराबर की टक्कर उसके साइड एक्टर से मिलती रहे। यामी गौतम ने अपने कैरेक्टर को ऐसे कैरी किया कि जैसे ही वो कमरे में एंट्री लें, हर कोई रुककर उनकी बात सुनेगा।
box office पर फिल्म की कमाई
OMG 2 और गदर 2 जैसी बड़ी फिल्म के साथ क्लैश कर रही है। दोनों फिल्म एक-दूसरे से बिल्कुल जुदा है। फिल्म ने पहले दिन करीब box office पर 9.5 करोड़ कलेक्शन किया।
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