अमेजन को नोटिस जारी किया गया

Notice issued to Amazon

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने जारी किया

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने मुख्य आयुक्त श्री रोहित कुमार सिंह के नेतृत्व में अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई www.amazon.in पर ‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद’ नाम से मिठाइयों की बिक्री से संबंधित है।

सीएआईटी के एक आवेदन के आधार पर

यह कार्रवाई कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के एक आवेदन के आधार पर शुरू की गई, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि अमेजन ‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद’ के नाम से मिठाइयों की बिक्री से जुड़े भ्रामक व्यापार अभ्यासों में शामिल है।

इसकी जांच में यह पाया गया है कि अलग-अलग मिठाइयां/खाद्य उत्पाद अमेजन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (www.amazon.in) पर “श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद” होने का दावा करते हुए बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद’ का भ्रामक दावा करने वाली मिठाइयों की बिक्री के लिए अमेजन को नोटिस जारी किया

ऐसे ऑनलाइन खाद्य उत्पादों की बिक्री के अभ्यास को सक्षम करना, जो गलत जानकारी देते हों, उपभोक्ताओं को उत्पाद की वास्तविक विशेषताओं के बारे में भ्रमित करता है। इस तरह का अभ्यास उपभोक्ताओं को खरीदारी संबंधी निर्णय लेने के लिए गलत तरीके से प्रभावित करती है। इसकी जगह अगर उत्पाद की सही विशेषताओं का उल्लेख किया गया होता तो उपभोक्ता शायद उत्पाद को खरीदने का निर्णय नहीं लेते।

नियम- 2020 के नियम 4(3) के तहत

यह उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम- 2020 के नियम 4(3) के तहत कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी किसी भी तरह का अनुचित व्यापार व्यवहार नहीं अपनाएगी, चाहे वह अपने प्लेटफॉर्म पर व्यापार के दौरान हो या अन्य मंच पर।

‘भ्रामक विज्ञापन’

इसके अलावा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 की धारा 2(28) के तहत परिभाषित ‘भ्रामक विज्ञापन’ का आशय वैसे विज्ञापन से है, जो ऐसे उत्पाद या सेवा के बारे में गलत जानकारी देता है, या ऐसे उत्पाद या सेवा की प्रकृति, पदार्थ, मात्रा या गुणवत्ता के बारे में उपभोक्ताओं को झूठी गारंटी देता है या भ्रमित करने की संभावना रखता है।

सीसीपीए ने नोटिस जारी होने के 7 दिनों के भीतर अमेजन से जवाब मांगा है, ऐसा न करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 के प्रावधानों के तहत उसके खिलाफ जरूरी कार्रवाई शुरू की जा सकती है।

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