...

कविता प्रतीक कश्यप की “मुहब्बत”

 

उसकी नीली आँखों मे घूरकर देखा है
बड़े प्यार से प्यार को छूकर देखा है

जो कहते थे उसके बारे मासूम है
सच कहूं, उसने मुड़कर देखा है

https://satatchhattisgarh.com/prime-minister-narendra-modis-speech-full-of-dreams-given-from-the-red-fort/

किताब मे मेरी एक गजल पढ़ी है
एक सुर्ख गुलाब उसने फूँककर देखा है

मायूस होकर बिखर गया आइना भी
किसी रोज उसने उसे टूटकर देखा है

फूल, हवा, तितली, भँवरे सबसे करती बातें
मैने एक झरोखे से छुपकर देखा है

OMG-2 सिनेमाघरों मे रिलीज हुई बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन फिल्म की कमाई करीब 10 करोड़ ।

एक ख़त मेरे बिस्तर मे ही रह गया
किसी छत से जाते एक कबूतर देखा है

जलता चराग हूँ मुहब्बत मे दर्द जानता हूँ
एक रोज अँधेरे मे बूझकर देखा है

इस कदर वाकिफ हूँ अपने जख्मो से कश्यप
मैंने सावन मे पतंगे लूटकर देखा है

सत्ता की डगर आसान नहीं ,छत्तीसगढ़ में

प्रतीक कश्यप

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