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RBI Policy में रेपो रेट 6.5% पर बनाए रखा

भारतीय रिजर्व बैंक  (RBI)ने आज अपनी मौद्रिक नीति का ऐलान किया है और इसमें रेपो रेट और दूसरी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज इसकी घोषणा कर दी है.

इस तरह आपके लोन की ईएमआई पर कोई राहत नहीं मिलेगी है और ना ही ये बढ़ेगी क्योंकि आरबीआई ने दरों पर स्टेटस को (यथास्थिति बरकरार) रखी है.

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आरबीआई (RBI) की मौद्रिक नीति में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से बैंकों को समान दरों पर लोन मिलता रहेगा. ये लगातार चौथी बार है जब रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. शेयर बाजार ने इस पॉलिसी को हाथोंहाथ लिया है और आरबीआई गवर्नर का संबोधन शुरू होते ही निफ्टी ने 21000 का ऐतिहासिक लेवल पार कर लिया है. इसने 21,005.05 का रिकॉर्ड हाई बनाया है.

आरबीआई (RBI) ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7% किया

आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया है. इससे पहले आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. अब इसे बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया गया है. उन्होंने इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी बढ़ा दिया है. इसे 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया है

मॉनिटरिंग पॉलिसी क्या है?

आरबीआई के द्वारा हर 2 महीने में मॉनिटरिंग पॉलिसी पेश की जाती है. इसमें वह रेपो रेट में जरूर के हिसाब से बदलाव करने के साथ ही साथ इकोनामिक स्थिति और चुनौतियों के बारे में भी अनुमान लगाता है. आरबीआई के द्वारा इकोनॉमी की ग्रोथ और इन्फ्लेशन के अनुमान के बारे में बताया जाता है. यही वजह है कि रिजर्व बैंक की मॉनिटरिंग पॉलिसी पर फाइनेंशियल मार्केट, स्टॉक मार्केट और कंपनियों की करीबी नजरे होती है इससे पता चलता है कि इकोनॉमी की सेहत कैसी है।

आरबीआई (RBI Policy ) ने यूपीआई लिमिट

आरबीआई की पॉलिसी में यूपीआई के संबंध में बड़ा बदलाव किया गया है क्लाउड फैसिलिटी की डेटा सुरक्षा पर फोकस किया गया है। साथ ही अति आवश्यक सेवाओं पर यूपीआई पेमेंट की लिमिट 5 लाख तक कर दी गई है. जैसे हॉस्पिटल, एजुकेशन के लिए यूपीआई पेमेंट की लिमिट 1 लाख से बढ़कर 5 लाख कर दी गई है।

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