संयुक्त बयान में कहा गया
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होनी चाहिए. सऊदी अरब के दौरे पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात के दौरान उन्होंने यह बात कही.
सऊदी अरब और पाकिस्तान की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता को महत्वपूर्ण माना है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर समेत विवाद के सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए इस तरह सुलझाने की जरूरत जताई ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे.
पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ का सऊदी अरब दौरा
फरवरी में चुनाव जीतने के बाद पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ का यह पहला विदेश दौरा है. जब शाहबाज शरीफ ने पीएम पद की शपथ ली थी तब भी उन्होंने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कहा था कि कश्मीर के मुद्दे पर सभी को एक साथ आना चाहिए और कश्मीर और फिलिस्तीन की आजादी के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए. जाहिर है कि पाकिस्तान के हर नेता की तरह वह भी कश्मीर मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं.
दरअसल, पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अपनी भड़ास निकालता रहता है. वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाते रहे हैं. भारत हमेशा से ही पाकिस्तान के दावों और बढ़ा-चढ़ाकर दिए गए बयानों का खंडन करता रहा है और उचित जवाब देता रहा है। वह दोहराते रहे हैं कि पूरा कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.
भारत और सऊदी अरब के बीच गहराते संबंधों का भी प्रतीक
सऊदी अरब, जिसके साथ पाकिस्तान के बहुत करीबी रिश्ते हैं, द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को भारत से बात करने की दी गई सलाह बहुत कुछ कहती है। यह बताता है कि इस्लामिक देश होने के बावजूद सऊदी अरब कश्मीर मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता को कैसे समझ रहा है। यह हाल के वर्षों में भारत और सऊदी अरब के बीच गहराते संबंधों का भी प्रतीक है। भारत द्विपक्षीय वार्ता के जरिए इसका समाधान निकालने का पक्षधर रहा है। इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई जगह नहीं है. सऊदी अरब ने पाकिस्तान को ये सलाह इसलिए दी है क्योंकि पाकिस्तान इसे बार-बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाता रहा है.
गौरतलब है कि अगस्त 2019 में जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था तो सऊदी अरब ने चिंता तो जताई थी लेकिन किसी तरह की निंदा नहीं की थी. इसे भारत का आंतरिक मामला भी बताया गया. 2022-23 में भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापार 52 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था। भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। जबकि सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
25 लाख भारतीय रहते हैं
सऊदी अरब में करीब 25 लाख भारतीय रहते हैं जिनका वहां बड़ा योगदान है. पीएम मोदी और पीएम सलमान के बीच कई मौकों पर मुलाकात हो चुकी है. सऊदी अरब के पीएम पिछले साल सितंबर में जी20 के दौरान दूसरी बार भारत आए थे. तब द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और सऊदी अरब के बीच साझेदारी दुनिया की स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सऊदी अरब भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2019 में पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा किया था
पीएम मोदी ने 2019 में सऊदी अरब का दौरा किया था। तब पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और सऊदी अरब आतंकवाद से निपटने समेत विभिन्न सुरक्षा मुद्दों पर आपसी सहयोग को बहुत अच्छे से आगे बढ़ा रहे हैं।
यह सर्वविदित है कि कश्मीर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जूझ रहा है। भारत का रुख साफ है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस और सबूतों पर आधारित कार्रवाई नहीं करेगा, भारत पाकिस्तान से बात नहीं करेगा. सऊदी अरब की सलाह के बाद उम्मीद है कि पाकिस्तान आतंकवाद का रास्ता छोड़कर उस पर लगाम लगाएगा और भारत से बातचीत के लिए तैयार होगा. हालाँकि, पाकिस्तानी राजनीति की प्रकृति और चरित्र को देखते हुए यह बात दूर की कौड़ी लगती है।