शाहरुख खान,उनकी बहन और औरतें

शाहरुख खान के दिल में प्रेम संवेदनशीलता सम्मान बराबरी जिम्मेदारी

शाहरुख़ ख़ान की निजी ज़िंदगी बहुत प्रभावित करती है। उन्होंने अपनी निजी ज़िंदगी में अपने सभी रिश्तों को बहुत प्रेम, संवेदनशीलता, सम्मान, बराबरी, जिम्मेदारी से निभाया है। वो एक अच्छे बेटे हैं,पति हैं, पिता हैं, अभिनेता हैं। जहां दौलत शौहरत ग्लैमरस के दौर में रिश्ते कमजोर खोखले साबित हो रहे हैं। उसी समाज के बीच शाहरुख खान के रिश्ते स्थिर हैं अस्थाई नहीं हैं।

शाहरुख़ ख़ान बहुत अच्छे भाई भी हैं, सदमे डिप्रेशन की वजह से उनकी बहन उभर नहीं सकी थी जब उन्होंने माता पिता को खोया। शाहरुख़ ने अपनी आपी का हर तरह से ख़्याल रखा। डीडीएलजे उनकी सबसे सुपरहिट फिल्म है। उस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी बहन बहुत बीमार थी,उसी समय उनकी अम्मी भी उनको छोड़ चुकी थी। उनकी बहन और भी गंभीर बीमार पड़ गई। शाहरुख़ फिल्म की शूटिंग के लिए स्वीटजरलैंड गये, साथ में बहन को भी लेकर गये। शूटिंग और बहन का इलाज दोनों पर ध्यान देते थे।

उनके साथ से ही वो थोड़ा संभल सकी। वो अभी ठीक हैं पर उनका मिजाज़ आज भी संवेदनशील संजीदा ही है। ग्लैमरस लाइमलाइट से दूर रहती हैं। शाहरुख़ ख़ान के साथ उनके घर में रहती हैं।

बहन, बेटी बीमार हो ससुराल भेजकर ही दम लेता है

बहन बेटी बीमार हो कैसी भी हो समाज ससुराल भेजकर ही दम लेता है,चाहे ससुराल निभा सके या ना निभा सके। बहन बेटी ससुराल में रह सकें नये लोगों के साथ या नहीं,चाहे कैसी भी शारीरिक मानसिक आर्थिक स्थिति से उसको जूझना पड़े। शादी एकमात्र इलाज है मंजिल है। शादी के बाद कोई बीमार बहन बेटी को पलटकर भी नहीं देखता, कोई उसकी केयर करता है या नहीं, उसको सही से रखा है कि छोड़ दिया। बहुत बुरी बुरी स्थिति में औरतें हैं।

शाहरुख़ ख़ान के पास बहुत पैसा है कहीं भी बहन को ठिकाने लगा सकते थे। अपना पल्ला छुड़ा सकते थे। उन्होंने इग्नोरेंस ग़ैर-इंसानियत ग़ैरजिम्मेदारी की जगह इंसानियत को चुना। बहन का इलाज कराते रहे और आज भी बूढ़ी बहन को इज्ज़त से अपने घर में रखा हुआ है।

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फिल्म ’12वीं फेल’

शाहरुख़ ख़ान की ज़िन्दगी में औरतें ज़्यादा हैं

शाहरुख खान की जिंदगी में बहन के साथ-साथ अन्य औरतें की अधिक सम्मान है। शाहरुख़ ख़ान कहते हैं मेरी ज़िन्दगी में औरतें ज़्यादा हैं मैं हमेशा औरतों वाले रिश्तों के बीच ज़्यादा रहा हूं। और उन सबने मिलकर मुझे रचा है मेरी शख्सियत के पीछे उन सबका हाथ है। चचेरी बहनें, अम्मी ,नानी, मेरी आपी इन लोगों के दरम्यान में ज़्यादातर रहा था। अब मेरी पत्नी भी है मेरी बेटी भी है। और पूरी फिल्म इंडस्ट्री की हिरोइन जिनके साथ मैंने काम किया,वो सब मेरी अच्छी दोस्त हैं। सच कहूं तो फिल्म इंडस्ट्री हिरोइन्स पर टिकी हुई है।

शाहरुख़ ख़ान की फिल्म से ज्यादा उनके इंटरव्यू में उनको सुनना ज्यादा अच्छा है। उनकी बातों के केन्द्र में हमेशा प्रेम रहता है लव। महिलाओं के लिए सम्मान होता है। कभी किसी को कमतर नहीं करते।अच्छे अनुभव शेयर करते हैं जिनके केन्द्र में प्रेम और सम्मान होता है।

मेहजबीं

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