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साय मंत्रिमंडल में कुछ मंत्री होंगे बाहर

राजधानी से मंत्री बनाने की चर्चा

by satat chhattisgarh
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Some ministers will be out of Saay cabinet

कुछ नए मंत्रियों को लेकर शिकायतें आईं

CG NEWS : आने वाला जून महीना प्रदेश में बीजेपी के लिए बड़े बदलाव ला सकता है। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार में अगले महीने बड़े फेरबदल की अफवाहें हैं. चर्चा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय न सिर्फ अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं बल्कि बड़ा फेरबदल भी कर सकते हैं. कुछ मंत्रियों के बाहर होने और कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जाने की चर्चा है. जून में देरी हुई तो नगर निगम चुनाव की तैयारी शुरू हो जायेगी. ऐसे में संगठन नेताओं पर जल्द से जल्द फैसले लेने का दबाव होगा. इसमें जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा जा सकता है. इस मुद्दे पर संगठन के नेताओं की कई दौर की बातचीत हो चुकी है.

बृजमोहन की खाली सीट पर  दावेदारी

10 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ दो उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने शपथ ली. इसके बाद 21 दिसंबर को नौ और मंत्रियों ने शपथ ली. यानी कुल 11 विधायकों की संख्या के 15 फीसदी के हिसाब से छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के 12 पद सृजित हैं. यानी एक सीट अभी भी खाली है. इसके अलावा रायपुर विधायक बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी जीत पर कोई संदेह नहीं है. जाहिर है 4 जून के बाद छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के दो पद खाली हो जायेंगे.

बृजमोहन अग्रवाल की खाली हुई मंत्री पद की सीट के लिए कई दावेदार हैं. चूंकि रायपुर राजधानी है, इसलिए राजधानी के चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक पर मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। वैसे खबर यह भी है कि रायपुर दक्षिण उपचुनाव को देखते हुए इस सीट से बिना चुनाव लड़े उम्मीदवार को मंत्री बनाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है. दरअसल, पहली बार चुने गए कई बीजेपी विधायक मौका पाने की कोशिश में हैं. लेकिन तीन पूर्व मंत्रियों की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है. ये तीन हैं…अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और राजेश मूणत। इन तीनों ने रमन सिंह सरकार में मंत्री रहते हुए कई बड़े विभाग संभाले हैं. दिसंबर 2024 में विष्णुदेव साय सरकार के गठन के समय अटकलें थीं कि इन तीनों को मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब राजनीतिक पर्यवेक्षकों की भी उत्सुकता है कि क्या बृजमोहन अग्रवाल की जगह इन तीनों में से किसी एक को मौका मिलेगा या बीजेपी किसी नये चेहरे पर दांव लगाएगी?

कुछ मंत्रियों  की शिकायतें संगठन तक पहुंचीं

भाजपा प्रदेश संगठन का मानना है कि छह महीने पहले पार्टी ने जो प्रयोग किया था और नए लोगों को मंत्री बनाकर मौका दिया था, उनमें से कुछ में प्रशासनिक दक्षता की कमी और राजनीतिक बदलाव की लगातार शिकायतें आ रही हैं। यही कारण है कि प्रदर्शन के आधार पर कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है और नए विधायकों को मंत्री बनने का मौका दिया जा सकता है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री साय के मंत्रिमंडल में दो उपमुख्यमंत्री समेत नौ कैबिनेट मंत्री हैं. इनमें से चार मंत्री पुराने और अनुभवी हैं, जबकि बाकी सात पहली बार मंत्री बने हैं.

हालांकि, लोकसभा चुनाव के कारण दिसंबर से पांच महीने तक मंत्रियों को काम करने का मौका नहीं मिला है. बीजेपी संगठन को कुछ मंत्रियों द्वारा नहीं किए गए काम की ज्यादा शिकायतें मिली हैं. खास बात यह है कि मंत्रियों के कामकाज के तरीकों की शिकायत किसी और ने नहीं बल्कि बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ही संगठन तक पहुंचाई है. चर्चा है कि संगठन उन मंत्रियों पर भी नकेल कसने की तैयारी में है. खबर है कि मंत्रियों के कामकाज पर राष्ट्रीय नेतृत्व की भी नजर है. ऐसे में कुछ मौजूदा मंत्रियों की नौकरी जा सकती है.

इतना ही नहीं बिलासपुर से धरमलाल कौशिक भी संगठन नेताओं की पहली पसंद बताए जा रहे हैं. पार्टी महिला विधायकों में भावना बोहरा के नाम पर भी विचार कर सकती है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल पर नजर डालें तो कांकेर और महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से कोई मंत्री नहीं है. अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे पक्ष में रहे तो यहां से कोई मंत्री लिया जा सकता है.

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