Street Food in India : भारत में स्ट्रीट फूड के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री नड्डा ने एफएसएसएआई को स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए 100 रुपये का पंजीकरण शुल्क माफ करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “विक्रेताओं को प्रोत्साहित करने और अधिक से अधिक पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए, एफएसएसएआई स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए 100 रुपये का पंजीकरण शुल्क माफ कर देगा।”
खाद्य सुरक्षा एवं प्रमाणन (एफओएसटीएसी) प्रशिक्षण
Street Food in India : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “देश भर में स्ट्रीट फूड विक्रेताओं द्वारा सुरक्षित भोजन का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं प्रमाणन (एफओएसटीएसी) प्रशिक्षण में भाग ले रहे सभी विक्रेताओं को अभिनव ‘स्ट्रीट सेफ’ त्वरित जांच किट प्रदान की जानी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, हमें स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को उपभोक्ताओं तक उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए खाद्य वितरण प्लेटफार्मों पर नामांकित करके उन्हें सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मैं इन प्लेटफार्मों से वित्तीय बोझ डाले बिना उपयोगकर्ता-अनुकूल प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करके स्ट्रीट फूड विक्रेताओं का समर्थन करने का आग्रह करता हूं।“
एफएसएसएआई अगले एक साल में एक लाख स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित करेगा
Street Food in India : श्री नड्डा ने स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को आज प्राप्त प्रशिक्षण को अपने दैनिक जीवन में व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि हमारी पारंपरिक स्ट्रीट फूड संस्कृति सभी के उपभोग के लिए सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा, “यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि विक्रेता सुरक्षित तौर-तरीकों और स्वच्छता को लागू करेंगे, तो उनके व्यवसायों में भी वृद्धि होगी।” उन्होंने आगे कहा कि प्रशिक्षित विक्रेताओं को एफएसएसएआई से मिलने वाले प्रमाण पत्र भी उनके व्यवसाय को बढ़ावा देंगे, क्योंकि यह उपभोक्ताओं के बीच विश्वसनीयता का स्रोत बनेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए प्रशिक्षण और पुन: उन्मुखीकरण कार्यक्रम, दोनों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को अपने व्यवसाय को और बढ़ाने के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने देश के 100 जिलों में स्ट्रीट फूड स्ट्रीट बनाने की माननीय प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला।
स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए एक समर्पित पोर्टल
Street Food in India : कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए एक एसओपी लॉन्च किया, जिसमें स्ट्रीट फूड तैयार करने में स्वच्छता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण ‘क्या करें और क्या न करें’ की रूपरेखा का वर्णन किया गया है। उन्होंने स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए एक समर्पित पोर्टल का भी उद्घाटन किया, जिससे उन्हें सफलता की कहानियाँ साझा करने और खाद्य सुरक्षा संसाधनों तक पहुँच प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी (https://sfv.fssai.gov.in/)।
इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षित विक्रेताओं के प्रशंसापत्रों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित किया और खाद्य सुरक्षा परिदृश्य में इसके सकारात्मक प्रभाव और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
स्ट्रीट फूड विक्रेताओं और अन्य सभी खाद्य प्रबंधकों को शिक्षित करने के लिए, कार्यक्रम में तेल, दूध और दूध उत्पादों के उपयोग और अपशिष्ट निपटान पर एक वीडियो जारी किया गया। भाग लेने वाले विक्रेताओं को मिलावट की तुरंत जाँच करने के लिए परीक्षण किट प्रदान की गईं, जिसके माध्यम से उन्हें गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने में और अधिक सशक्त बनाया गया।
कुल्हड़ चाय, स्ट्रीट फूड भारतीय शहरों की पहचान से जुड़ा है: श्रीमती अनुप्रिया सिंह पटेल
Street Food in India : श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने अपने संबोधन में देश भर में खाद्य सुरक्षा बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “स्ट्रीट फूड हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। स्ट्रीट फूड सिर्फ कोई भोजन नहीं, बल्कि भारतीयों के लिए एक परंपरा है। चाहे लखनऊ की टोकरी चाट हो या वाराणसी की कुल्हड़ वाली चाय, स्ट्रीट फूड भारतीय शहरों की पहचान से जुड़ा है।“ उन्होंने आगे कहा, “जिन विक्रेताओं का खाना सभी लोग खाते हैं, उनके लिए स्वच्छता और सफाई के मानकों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। साथ ही, स्ट्रीट फूड की नियमित जांच सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि भारत में सुरक्षित और स्वच्छ स्ट्रीट फूड इकोसिस्टम तैयार किया जा सके।”
केंद्रीय मंत्रियों ने एफएसएसएआई के “फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स” वाहन का भी अवलोकन किया, जिसमें यात्रा के दौरान तेल और दूध जैसी वस्तुओं की जांच के लिए व्यवस्था है।