राष्ट्रीय कोयला सूचकांक
दिसंबर 2022 की तुलना में दिसंबर 2023 में राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (प्रोविजनल) में 4.75 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। दिसंबर 2023 में जहां यह सूचकांक 155.44 अंक पर था, वहीं दिसंबर 2022 में यह 163.19 अंक पर था। यह महत्वपूर्ण कमी इंगित करती है बढ़ती माँगों को पूरा करने के लिए बाजार में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता।
राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (एनसीआई) एक मूल्य सूचकांक है जो सभी बिक्री चैनलों यानी अधिसूचित मूल्य, नीलामी मूल्य और आयात मूल्य से कोयले की कीमतों को जोड़ता है। यह विनियमित (बिजली और उर्वरक) और गैर-विनियमित क्षेत्रों में लेनदेन किए जाने वाले कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयले के विभिन्न ग्रेड की कीमतों पर विचार करता है।
भारतीय बाजार में कोयले की प्रचुर उपलब्धता का संकेत
वित्तीय वर्ष 2017-18 के आधार वर्ष के साथ स्थापित, एनसीआई बाजार की गतिशीलता के एक विश्वसनीय संकेतक के रूप में कार्य करता है और मूल्य में उतार-चढ़ाव पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
एनसीआई का चरम जून 2022 में देखा गया जब सूचकांक 238.83 अंक तक पहुंच गया, लेकिन बाद के महीनों में उसमें गिरावट देखी गई, जो भारतीय बाजार में कोयले की प्रचुर उपलब्धता का संकेत है।
इसके अतिरिक्त, कोयला नीलामी पर प्रीमियम इस उद्योग की नब्ज को दर्शाता है और कोयला नीलामी प्रीमियम में तेज गिरावट बाजार में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता की पुष्टि करती है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दिसंबर 2023 के दौरान देश के कोयला उत्पादन में 10.74 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि कोयले पर निर्भर विभिन्न क्षेत्रों के लिए स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करती है, जो देश की समग्र ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
एनसीआई का नीचे की ओर जाना एक अपेक्षाकृत अधिक न्यायसंगत बाजार, आपूर्ति और मांग की गतिशीलता में सामंजस्य का प्रतीक है। कोयले की पर्याप्त उपलब्धता के साथ, देश न केवल बढ़ती मांगों को पूरा कर सकता है, बल्कि अपनी दीर्घकालिक ऊर्जा संबंधी जरूरतों को भी पूरा कर सकता है, जिससे एक अपेक्षाकृत अधिक सुदृढ़ एवं टिकाऊ कोयला उद्योग में मजबूती आएगी और देश के लिए एक समृद्ध भविष्य को बढ़ावा मिलेगा।