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संवाद से संकटों के हल खोजना भारत की परंपरा

प्रो.संजय द्विवेदी

by satat chhattisgarh
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Tradition of India

ज्ञान सरोवर में मीडियाकर्मियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ

राजस्थान के उद्योग व खेल राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि विश्व शांति, जलवायु, पर्यावरण संरक्षण समेत कई प्रकार की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के साथ उनका समाधान करने में मीडिया हमेशा आगे रहा है। समाज को नई दिशा देने में मीडिया का विशेष योगदान है। विकट परिस्थितियों में मीडियाकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना दायित्वों को पूरे मनोयोग से निभाने में अग्रसर रहते हैं। वे यहां ब्रह्माकुमारीज के मीडिया प्रभाग की ओर से ‘वैश्विक शांति व सद्भाव के अग्रदूत के रूप में मीडिया की भूमिका’ विषय पर आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

Tradition of India

कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार और जयपुर के विधायक डा.गोपाल शर्मा, भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी,ब्रह्माकुमारी संगठन की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी बहन, संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके सुदेश दीदी, बीके मृत्युंजय, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.मानसिंह परमार और दैनिक जागरण के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी उपस्थित थे।

आतंकवाद के विरुद्ध एक है भारत

इस मौके पर डॉ. गोपाल शर्मा ने कहा कि ईश्वर की अनुकंपा का अनुभव करने के लिए जीवन में सत्यता होनी चाहिए। स्वाभिमान में रहने वाले ही सभ्य समाज की स्थापना कर सकते हैं। जर्रे-जर्रे पर अशांति व भय के माहौल के बीच मीडिया की शक्ति ही शांति व सद्भाव को बल प्रदान कर सकती है। आतंकवाद के खिलाफ सारा भारत एक है। ऐसा कोई कार्य नहीं होना चाहिए जो सृष्टि की शांति के खिलाफ जाता हो।

भारतीय मूल्यों के साथ खड़ी हो पत्रकारिता : संजय द्विवेदी

प्रो.संजय द्विवेदी ने कहा कि मीडिया संकटों में समाज का संबल बनकर खड़ा हो। पश्चिमी विचारों पर केंद्रित बाजार और विवाद की पत्रकारिता के बजाए हमारी भारतीय संचार परंपरा पर केंद्रित समावेशी और समाधानपरक मीडिया स्थापित हो। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में हमने हमेशा प्रश्नों का आदर किया है और अपने संकटों के हल संवाद से खोजे हैं। आज टीवी मीडिया पर चल रहा वितंडावाद हमारी परंपरा नहीं है। इससे देश बंटा हुआ दिखाई देता है।

शांति के बिना विकास असंभव

प्रो.मानसिंह परमार ने कहा कि भारत शांति का दाता है। शान्ति के बिना विकास असंभव है। भारत की सोच हमेशा से ही शांतिप्रिय रही है। मीडिया ऐसा माध्यम है जो विश्व में शान्ति स्थापना के कार्य में सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया प्रभाग के प्रमुख बीके करुणा ने की। इस अवसर पर बीके आत्मप्रकाश, मीडिया प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके शान्तनु, बीके निकुंज, बीके सुशांत, बीके सरला, जयपुर क्षेत्रीय संयोजिका बीके चंद्रकला, डॉ. बीके रीना उपस्थित रहे। शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्षा बीके शीलू बहन ने राजयोग का अभ्यास कराते हुए गहन शांति की अनुभुति कराई।

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