Panama Papers: पनामा पेपर्स” कर चोरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्ताईस व्यक्तियों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित मुकदमा सोमवार को शुरू होने वाला है।
“पनामा पेपर्स” मामला हाल के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय घोटालों में से एक था। इसमें धनी व्यक्तियों द्वारा फर्जी कंपनियों में संपत्ति छिपाने की वैश्विक घटना को उजागर किया गया था।
2016 में सामने आए पनामा पेपर्स खुलासे ने दुनिया भर को स्तब्ध कर दिया, सरकारों को हिला दिया था और प्रमुख हस्तियों को बेनकाब कर दिया था। इसके बाद दुनिया भर में कई जांचें शुरू कर दीं गई। इस घोटाले ने दुनिया भर में पनामा की प्रतिष्ठा को धूमिल किया क्योंकि पनामा की छवि ऐसी जगह के रूप में बनी जहां काला धन बेहद आसानी से छुपाया जा सकता था।
पनामा की आपराधिक अदालत में मुकदमे का सामना करने वाले प्रतिवादियों में जुर्गन मोसैक और रेमन फोंसेका मोरा शामिल हैं, जो विवाद के केंद्र में अब बंद हो चुकी लॉ फर्म मोसैक फोंसेका के संस्थापक हैं। उनकी कंपनी से लीक हुए 11.5 मिलियन दस्तावेज़ों में अरबपति, राजनेता और खेल आइकन समेत कई प्रभावशाली हस्तियां शामिल थीं।
पनामा पेपर्स के नतीजे के कारण आइसलैंड के प्रधान मंत्री सिगमंडुर डेविड गुनलॉगसन को इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे खुलासे हुए जिसके कारण पाकिस्तानी प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को पद से अयोग्य ठहराया गया और पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री डेविड कैमरन, फुटबॉल स्टार लियोनेल मेस्सी जैसे लोगों की जांच की गई। अर्जेंटीना के पूर्व राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री स्पेनिश फिल्म निर्माता पेड्रो अल्मोडोवर सहित अन्य लोग भी जांच के दायरे में आए।
लीक हुए दस्तावेज़ मूल रूप से जर्मन समाचार पत्र सुएडड्यूश ज़ितुंग द्वारा प्राप्त किए गए थे। बाद में ये खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय संघ के साथ साझा किए गए जिससे दुनिया भर में तहलका मचा और सार्वजनिक जांच की लहर दौड़ गई। घोटाले में फंसे लोगों में से कई ने अपनी विदेशी उपस्थिति को स्पष्ट करने के लिए कारण बताए और कहा कि उन्होंने अवैध रूप से काम नहीं किया।