NTA : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द कर दी है। यह परीक्षा मंगलवार 18 जून को हुई थी। यह परीक्षा दो शिफ्ट में ओएमआर यानी पेन और पेपर मोड में आयोजित की गई थी। एक दिन बाद 19 जून को गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को परीक्षा में अनियमितताओं के इनपुट मिले। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसे रद्द करने का फैसला किया। अब परीक्षा नए सिरे से आयोजित की जाएगी। इसकी जानकारी अलग से साझा की जाएगी। केंद्र ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया है। यूजीसी नेट परीक्षा देशभर के विश्वविद्यालयों में पीएचडी दाखिले, जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर पदों के लिए आयोजित की जाती है। पेन-पेपर मोड में हुई थी परीक्षा 18 जून को यह परीक्षा ओएमआर यानी पेन-पेपर मोड में हुई थी। इस बार यूजीसी नेट के 83 विषयों की परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित की गई थी। पहली शिफ्ट सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक थी।
इससे पहले यूजीसी नेट परीक्षा ऑनलाइन सीबीटी यानी कंप्यूटर आधारित परीक्षा होती थी। यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि सभी विषयों और सभी केंद्रों के लिए एक ही दिन परीक्षा आयोजित की जा सके। साथ ही, दूरदराज के केंद्रों में भी परीक्षा आयोजित की जा सके।
नीट परीक्षा भी विवादों से घिरी है
नीट यूजी 2024 विवाद को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए पहले से ही आरोपों से घिरी हुई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को दो हफ्ते का नोटिस भी जारी किया है। इसकी अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर 20 हजार छात्रों ने दायर की याचिका
नीट यूजी 2024 को लेकर देशभर के अलग-अलग राज्यों में करीब 20 हजार छात्रों ने याचिका दायर की थी, जिसमें परीक्षा में अनियमितताओं की शिकायत की गई है। ग्रेस मार्क्स के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि एनटीए ने अभी तक यह नहीं बताया है कि छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के लिए उन्होंने क्या तरीका अपनाया। वहीं, परीक्षा से पहले एनटीए की ओर से जारी सूचना बुलेटिन में ग्रेस अंक देने के प्रावधान का कोई जिक्र नहीं था। ऐसे में कुछ अभ्यर्थियों को ग्रेस अंक देना सही नहीं है।