श्री बघेल ने रायपुर शहर के बीच ऐतिहासिक जय स्तंभ चौक पर शहीद वीर नारायण सिंह की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने छतीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के अंडरग्राउंड केबलिंग व विद्युतीकरण कार्य का शिलान्यास किया। यह काम 102 करोड़ रुपये की लागत से कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि 1857 के गदर के समय दिल्ली, झांसी, अवध आदि विद्रोह के केंद्र थे। छत्तीसगढ़ भी लड़ाई में पीछे नहीं था। वीरनारायण सिंह के पास जमींदारी भी थी इसके बावजूद अंग्रेजों के हुक्म को मानने से इंकार कर दिया। लड़ाई हुई और मुखबिर की सूचना के आधार पर उन्हें पकड़ा गया। 10 दिसंबर को जयस्तंभ चौक में उन्हें फांसी दी गई। बताते हैं कि कई दिनों तक उनके शव को फांसी से उतारा नहीं गया ताकि लोगों में खौफ आ जाए। उनके वंशज गांव छोड़कर भागे, छूपकर रहे। उनके परिवार को बड़ी तकलीफ हुई। बाद में उनकी वंशावली बनाई गई और शासन से उनके वास्तविक वंशजों को मान्यता मिली। ऐसे शहीदों के बलिदान से हमारा देश आजाद हुआ। आज मुझे इस बात की खुशी है कि जिस जगह पर उन्होंने बलिदान दिया, वहीं पर उनकी 15 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई। मुझे इस बात की खुशी है कि जिला प्रशासन ने यह अच्छा कार्य किया है। आज रजक गुड़ी का लोकार्पण भी मैंने किया है। बहुत से सरोवरों-उद्यानों के जीर्णाेद्धार का आज लोकार्पण हुआ है। बहुत से समाज के लोग जुटे हैं। आज 36 सामुदायिक भवनों का शिलान्यास किया गया है जिनकी घोषणा भेंट मुलाकात के दौरान मैंने की थी।
स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी रहे शहीद वीरनारायण सिंह जी की भव्य प्रतिमा जयस्तंभ चौक में स्थापित की गई है। ग्राम थनौद के मूर्तिकार श्री राधेश्याम चक्रधारी व श्री लव चक्रधारी ने इस प्रतिमा का निर्माण किया है। यह कांस्य प्रतिमा 15 फीट ऊंची व 02 टन वजन की है। प्रतिमा निर्माण व सौंदर्यीकरण कार्य की कुल लागत लगभग 51 लाख रूपए है।