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कोई जादूगर आइसक्रीम वाला (कविता)

पूनम वासम

by satat chhattisgarh
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Some Magician Ice Cream Seller (Poem)

कोई तो आयेगा इधर भी
ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों को चीरता हुआ
बांस के जंगलों से बतियाता हुआ
तालपेरु नदी के रस्ते
कोई तो आयेगा
मल्लूर की पहाड़ियां पार करके पैदल ही पैदल

कोई तो आयेगा
दनदनाता हुआ साइकिल से
नहीं- नहीं मोटरसाइकिल से
थोड़ी देर इंतजार करेगा वह
गाँव की सीमा पर
कुल्फी व नारंगी बर्फ के साथ

उसका आना तय है इस गर्मी
वह भरी गर्मी में ठंडक लेकर आयेगा

उसके पास जादुई बक्सा होगा जिसके खुलते ही
गाँव घर के बंद कपाट भी खुल जायेंगे झट से

कोई तो आयेगा पों- पों करता हुआ
जंगल में लगी आग से बच, बचाकर
स्पाइक होल के किनारे- किनारे

पूरी तरह सूख चुके पहाड़ी नालों के बीचों –बीच चलकर
टी वी की दुनिया से बाहर
बिजली की रोशनी से परे
स्कूल की घन्टी नहीं तो साइकिल की घन्टी बजाता हुआ

बच्चे उसे चिढ़ाते हुये उसके पीछे भागते हुये
गाना चाहते हैं, जादूगर आइसक्रीम वाला आया
जादूगर आइसक्रीम वाला आया

बच्चे न जादूगर को जानते हैं न आइसक्रीम को जानते हैं
बच्चे बस उस गीत को जानते हैं जिसे वह गाना चाहते हैं

हालांकि यह उतना ही सच है जितना
मैंने अपनी कविता में बताया।

 

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