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वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की गिरावट

by satat chhattisgarh
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मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियां जिम्मेदार : किसान सभा

नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स, जीएचआई) में भारत की स्थिति में गिरावट के लिए अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने केंद्र की मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।

देश में खाद्य सुरक्षा की स्थिति कितनी गंभीर है और महामारी और लॉकडाउन के कारण आजीविका के नुकसान के प्रतिकूल प्रभाव को खत्म करने में मोदी सरकार के कार्यक्रम पूरी तरह से विफल रहे हैं।

भारत के पड़ोसी देश

  • वर्ल्डवाइड और वेल्थुंगरहिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से जारी किये गए वैश्विक भुखमरी सूचकांक/ग्लोबल हंगर इंडेक्स, 2023 में भारत 125 देशों में से 111वें स्थान पर है, यह भारत में भुखमरी के गंभीर स्तर को दर्शाता है।
  • इस इंडेक्स में भारत के पडोसी देशों; पाकिस्तान (102वें)बांग्लादेश (81वें)नेपाल (69वें) और श्रीलंका (60वें) ने भारत से बेहतर स्थान हासिल किया।

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति पर रिपोर्ट से पता चलता है कि 2019-22 के बीच भारत में मध्यम और गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करने वाले लोगों की संख्या 57 करोड़ से बढ़कर 59 करोड़ हो गई है और दीर्घकालिक भूख का सामना करने वाले लोगों की संख्या 22 करोड़ से बढ़कर 23 करोड़ हो गई है।

यही कारण है कि वैश्विक भूख सूचकांक में 125 देशों की सूची में आज भारत 111वें स्थान पर खड़ा है, जबकि वर्ष 2014 में वह 55वें स्थान पर था। भारत में खाद्य असुरक्षा की स्थिति का लगातार बिगड़ना मोदी सरकार का देश जनता के प्रति बेरुखी व उदासीनता का ही नतीज़ा है।

कोविड महामारी के दौरान मोदी सरकार द्वारा बिना किसी योजना के वर्ष 2020 में लगाए गए कठोर लॉकडाउन का लोगों के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। गोदाम में 10 करोड़ टन से अधिक अनाज होने के बावजूद, मोदी सरकार ने महामारी के दौर में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का दायरा बढ़ाने और पहुंच को सार्वभौमिक बनाने से इनकार कर दिया था।

  • अधिकांश बच्चे और महिलाएं कुपोषित हैं तथा स्वस्थ आहार इन लोगों की पहुंच से अभी भी कोसों दूर है।

  • सामाजिक कल्याण योजनाओं पर और मनरेगा आबंटन में भी 30 प्रतिशत की कटौती की गई है।

उन्होंने कहा कि देश कृषि संकट को पहचानने और बेरोजगारी, गरीबी और खाद्य असुरक्षा की बिगड़ती स्थिति से निपटने के बजाए मोदी सरकार ने पिछले बजट में खाद्य सब्सिडी में 90,000 करोड़ रुपये की कटौती की थी।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ किसान सभा इस जनविरोधी सरकार को हराने के लिए किसानों को एकजुट करेगी और छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करेगी।

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