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30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

by satat chhattisgarh
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30 crore Ayushman cards were made

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) ने 12 जनवरी, 2024 को 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की बड़ी सफलता हासिल की है। इस प्रमुख योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) कार्यान्वित कर रहा है। इसका लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है।

योजना के तहत 6.2 करोड़ मुफ्त अस्पताल भर्ती से गरीब और कमजोर तबके के 1.25 लाख करोड़ से अधिक रुपये की बचत

 

लाभार्थी अपने मोबाइल फोन से आयुष्मान ऐप का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं, 13 सितंबर, 2023 को लॉन्च होने के बाद से इस ऐप को 52 लाख बार डाउनलोड किया गया

आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत आयुष्मान कार्ड का निर्माण सबसे बुनियादी गतिविधि है और यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार ठोस प्रयास किए जा रहे हैं कि योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड हो। लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप, इस योजनाके तहत 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की उपलब्धि हासिल हो चुकी है। पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान ही 16.7 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। आज की तारीख में वर्ष 2023-24 के दौरान 7.5 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि हर मिनट लगभग 181 आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।

भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को सभी तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के इरादे से 15 नवंबर, 2023 को शुरू की गई विकासशील भारत संकल्प यात्रा के दौरान दी जाने वाली ऑन-स्पॉट सेवाओं में आयुष्मान कार्ड निर्माण भी शामिल है। इस अभियान से जमीनी स्तर पर कार्ड निर्माण में तेजी लाने में काफी मदद मिली है। इस यात्रा के दौरान 2.43 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। इसके अलावा, विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को सभी तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए आयुष्मान भव अभियान (17 सितंबर 2023 को लॉन्च) के दौरान 5.6 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।

वित्तीय वर्षवार बनाये गये कुल आयुष्मान कार्ड इस प्रकार हैं:

अंतिम लाभार्थी तक पहुंचने के लिए, एनएचए ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ‘आयुष्मान ऐप’लॉन्च किया है। इस ऐप में स्व-सत्यापन की एक अनूठी सुविधा है। 4 साधारण चरणों में, इस सुविधा से उपयोगकर्ता एंड्रॉइड मोबाइल फोन का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बना सकता है। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड बनाने में मदद कर सकता है। इस प्रकार, आयुष्मान ऐप जनभागीदारी की भावना को मजबूत करता है। इस एप्लिकेशन की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 13 सितंबर 2023 को लॉन्च होने के बाद से इस ऐप को 52 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।

4.83 करोड़ आयुष्मान कार्डों के साथ, उत्तर प्रदेश सबसे अधिक संख्या में आयुष्मान कार्ड बनाने वाले राज्यों की सूची में शीर्ष पर है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र क्रमशः 3.78 करोड़ और 2.39 करोड़ आयुष्मान कार्डों के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। 11 राज्यों में 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड धारक हैं।

सबसे अधिक संख्या में आयुष्मान कार्ड वाले शीर्ष दस राज्य इस प्रकार हैं:

राज्य बनाए गए आयुष्मान कार्डों की संख्या
उत्तर प्रदेश 4.8 करोड़
मध्य प्रदेश 3.8 करोड़
महाराष्ट्र 2.4 करोड़
गुजरात 2.3 करोड़
छत्तीसगढ़ 2.1 करोड़
असम 1.6 करोड़
राजस्थान 1.6 करोड़
कर्नाटक 1.5 करोड़
आंध्र प्रदेश 1.5 करोड़
झारखंड 1.2 करोड़

इसके अलावा, आज तक, महिलाओं के लिए लगभग 14.6 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। यह योजना महिला लाभार्थियों को जारी किए गए 49 प्रतिशत आयुष्मान कार्डों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में क्षेत्रीय समानता और आय समानता के साथ लैंगिक समानता हासिल करने का प्रयास कर रही है। साथ ही, इस योजना के तहत प्रदान किए गए उपचार का 48 प्रतिशतलाभ महिला द्वारा उठाया गया है।इस प्रकार, लैंगिक समानता इस योजना के मूल डिजाइन का हिस्सा है।

आज आयुष्मान कार्ड समता, अधिकार और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया है। यह गरीब और वंचित परिवार को आश्वासन देता है कि उन्हें बीमारी के दोहरे बोझ और इलाज के दौरान होने वाले भारी खर्च के कुप्रभाव से बचाया जाएगा। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि सभी पात्र लाभार्थियों के पास आयुष्मान कार्ड हो।

इसके अलावा, आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाईके तहत 6.2 करोड़ से अधिक लोगों को अस्‍पताल में भर्ती की सुविधा दी गई। जिस पर79,157 करोड़रुपये से अधिक का खर्च आया। यदि लाभार्थियों ने एबी पीएम-जेएवाई के दायरे से बाहर अपने दम पर समान उपचार का लाभ उठाया होता, तो उपचार की कुल लागत लगभग 2 गुना अधिक हो जाती।इस प्रकार, गरीबों और वंचित परिवारोंके जेब खर्च से 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई।

योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: https://dashboard.pmjay.gov.in/pmj/#/

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